चंबल प्रोजेक्ट: पाइपलाइन बिछाने के लिए नूराबाद में बनेगा नया ब्रिज, पुरातत्व विभाग को भेजा प्रस्ताव

ग्वालियर। शहर की वर्ष 2055 तक की पेयजल आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार किए गए चंबल प्रोजेक्ट के अंतर्गत नूराबाद पर क्वारी नदी पर पुरातत्व महत्व के अंतर्गत आने वाले पुराने पुल के नजदीक नया पुल बनाने के लिए सहमति बन गई है। गत नौ सितंबर को भोपाल में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट की अध्यक्षता में आयुक्त पुरातत्व अभिलेखागार और नगर निगम आयुक्त के साथ हुई बैठक में पुराने पुल से कम ऊंचाई का नया पुल बनाने की ड्राइंग देने पर सहमति बनी थी।

इसके बाद निगम ने गत 20 सितंबर को संशोधित प्रस्ताव भेज दिया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए प्रभारी मंत्री ने भी पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा है। अमृत योजना के दूसरे चरण में चंबल नदी व कोतवाल बांध से 150 एमएलडी प्रतिदिन पानी के लिए टेंडर स्वीकृत होने के बाद गत 11 मार्च को कंपनियों से अनुबंध किया गया था। इसके तहत मुरैना जिले में बरौआ, नूराबाद के पास क्वारी नदी पर एमएस पाइप लाइन को क्रास करने के लिए 6.40 मीटर चौड़ाई का पुल बनाने की एनओसी प्रदान करने का प्रस्ताव छह जून को पुरातत्व विभाग को भेजा गया था।

राज्य पुरातत्व विभाग ने नदी के ऊपर बने पुराने व नए पुल के बीच से पाइप लाइन निकालने के लिए निर्मित होने वाले पुल की दूरी 100 मीटर से कम होने पर एनओसी देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद गत नौ सितंबर को प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में राज्य पुरातत्व विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने मंथन किया। इसके बाद गत 17 सितंबर को पुरातत्व विभाग के तकनीकी सलाहकार आरबी शाक्य के साथ निगम अधिकारियों ने निरीक्षण किया, जिसके बाद नए पुल की ऊंचाई वर्तमान पुल से कम रखने पर सहमति बन गई।

दोनों पुलों से कम रहेगी ऊंचाई

पुरातत्व विभाग के तकनीकी सलाहकार आरबी शाक्य व निगम अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान तय किया कि नूराबाद में वर्तमान में सांक व क्वारी नदी के ऊपर बने जिस पुल से ट्रैफिक का आवागमन होता है, उससे प्रस्तावित पुल की ऊंचाई 3.17 मीटर कम रखी जाएगी। इसके अलावा पुरातत्व महत्व के पुल से इसकी ऊंचाई डेढ़ मीटर कम रखी जाएगी। इससे पुरातत्व विभाग को एनओसी देने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इस आधार पर नगर निगम ने संशोधित प्रस्ताव को आयुक्त सहसंचालक पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय को भेज दिया है। संभावना है कि जल्द ही वहां से मंजूरी मिल जाएगी।

जलसंसाधन विभाग से मिल चुकी है एनओसी

नदी क्षेत्र में होने वाले निर्माण के लिए दो माह पहले प्रभारी मंत्री की पहल पर ही जलसंसाधन विभाग द्वारा नगर निगम को सांक नदी में निर्माण के लिए एनओसी प्रदान की जा चुकी है। अब पुरातत्व विभाग की अनुमति मिलते ही चंबल नदी व कोतवाल डेम से पानी लाने के लिए पाइप लाइन डालने के काम की शुरूआत हो जाएगी।

सहमति के आधार पर नया प्रस्ताव भेजा है

पिछले दिनों पुरातत्व विभाग के साथ हुई बैठक में नूराबाद पर प्रस्तावित नए पुल की ड्राइंग में संशोधन बताए गए थे। ये सारे संशोधन कर नया प्रस्ताव विभाग को भेज दिया है। प्रभारी मंत्री ने भी इस संबंध में पत्र लिखा है। जल्द ही हमें पुरातत्व विभाग के एनओसी मिल जाएगी।

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