भ्रष्टाचारियों पर नकेल, जमाखोरी पर लगाम, सूचनाओं की सटीक पारदर्शिता…प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने इन मामलों को लेकर कुछ सटीक कदम उठाए हैं। सरकार के इन फैसलों से जहां मौका परस्त अधिकारियों पर लगाम कसने की उम्मीद की जा रही है। वहीं, इन व्यवस्थाओं से प्रदेशवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद भी है।
सरकारी दफ्तरों में होने वाले भ्रष्टाचार, आर्थिक गड़बड़ियों और कामों में हीला हवाली को रोकने सरकार ने अहम कदम उठाया है। इस मंशा के साथ अब प्रदेश के तीन जिलों में EOW और लोकायुक्त के कार्यालय खोले जाएंगे। इस व्यवस्था से घोटालेबाजों और भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि लोकायुक्त और EOW के यह ऑफिस शहडोल, मुरैना और नर्मदापुरम में खुलेंगे। बताया जा रहा है कि 2026 तक यह कार्यालय आकार ले लेंगे।
जमाखोरी पर लगाम
जमाखोरी को रोकने के लिए डॉ. मोहन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अब गेहूं भंडारण की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी है। नई व्यवस्था के मुताबिक, अब थोक व्यापारी तीन हजार टन गेहूं रख सकते हैं। इसी तरह खुदरा व्यापारियों के लिए लिमिट 10 टन तय कर दी गई है। इससे अधिक मात्रा में भंडारण पाए जाने को काला बाजारी की श्रेणी में माना जाएगा। इसके लिए कानूनी प्रावधान के मुताबिक, व्यापारी को सजा से दो चार होना पड़ेगा।
सूचना की पारदर्शिता
करीब पांच महीने से खाली पड़े सूचना आयोग के विभिन्न पदों पर जल्द नियुक्ति कर दी जाएगी। इन नियुक्तियों को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को बैठक बुलाई थी। सीएम की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, मंत्री संपतिया उइके भी शामिल रहे। गौरतलब है कि मार्च 2024 से राज्य सूचना आयोग के पद रिक्त हैं।