”हम 2 साल से घर-परिवार छोड़कर पैदल चल रहे हैं. यह काम इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि आपके जैसी महिला ही हमारी पत्नी है. वह डॉक्टर है और अपनी डॉक्टरी छोड़कर घर-परिवार का जिम्मा उठाए हैं. कह दिया है कि जाओ, जो करना है बिहार में करो, हम घर-परिवार का जिम्मा उठाते हैं. आज हमने अपनी पत्नी को आपसे परिचय करवाने के लिए बुलाया है.” चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी पत्नी डॉक्टर जाह्नवी दास को महिलाओं से रूबरू करवाते हुए यह बात कही.
बिहार की राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित ‘जन सुराज’ महिला संवाद कार्यक्रम में पहली बार प्रशांत किशोर ने अपनी पत्नी को बुलाया. कहा कि आपका भाई इसलिए काम कर पा रहा है क्योंकि कोई महिला पीछे से घर परिवार की जिम्मेदारी उठा रही है. ठीक इसी तरह ‘जन सुराज’ में पुरुष लोग भी इसीलिए काम कर पा रहे हैं, क्योंकि आप जैसी कोई महिलाएं उसके पीछे खड़ी हैं. जब आप हमारा बोझा उठा रही हैं तो हमारा फर्ज है कि आपको हक से ज्यादा मिले. आपका ही सहयोग है जिससे पुरुष कुछ न कुछ अच्छा कर पा रहे हैं.
जानिए, जाह्नवी दास के बारे में
प्रशांत किशोर की पत्नी जाह्नवी दास असम राज्य की रहने वाली हैं और पेशे से डॉक्टर हैं. प्रशांत और जाह्नवी की मुलाकात यूएन के हेल्थ प्रोग्राम में एक साथ काम करने के दौरान हुई थी. यह मुलाकात दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई. कुछ समय बाद इस जोड़े ने विवाह रचा लिया. दंपती का एक बेटा भी है. फिलहाल जाह्नवी डॉक्टरी छोड़ बिहार में प्रशांत और बेटे के साथ ही रहती हैं.
40 महिलाओं को मिलेगा टिकट
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उनका संगठन प्रदेश में कम से कम 40 महिलाओं को चुनावी अखाड़े में उतारेगा. इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) के संस्थापक प्रशांत किशोर पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनका जन सुराज अभियान एक राजनीतिक पार्टी में परिवर्तित होकर अगले साल होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगा.
243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा ‘जन सुराज’ दल
किशोर ने कहा, मैंने पहले ही कहा है कि जन सुराज 2025 में बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा. पार्टी कम से कम 40 विधानसभा सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगा. 2025 में बिहार में जन सुराज की सरकार बनने पर जो भी महिलाएं खुद से व्यवसाय करना चाहेंगी, उन्हें सरकार की ओर से बहुत मामूली दर पर आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो जीविका दीदियों से ली जाने वाली मौजूदा ब्याज दर से भी कम होगी. जीविका दीदियां वे महिलाएं हैं जो राज्य में बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं.
प्रशांत किशोर ने इस साल जनवरी में कहा था कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनका संगठन ‘जन सुराज’ अति पिछड़ा वर्ग (EBC) श्रेणी के कम से कम 75 लोगों को चुनावी मैदान में उतारेगा.