भारत के राफेल से डरा PAK, चीन के J-31 स्टेल्थ फाइटर जेट से करवा रहा पायलटों की ट्रेनिंग

पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक हो चुकी है. एयर स्ट्राइक हो चुकी है. लेकिन उसे डर है भारतीय वायुसेना के राफेल फाइटर जेट से. इसलिए वह अपने फाइटर पायलटों को चीन में बने स्टेल्थ फाइटर जेट J-31 को उड़ाने की ट्रेनिंग दिलवा रहा है. ताकि भविष्य में कभी राफेल का हमला हो तो पाकिस्तान उसका जवाब दे सके. 

पाकिस्तान पहले ही चीन से J-10C फाइटर जेट्स, एडवांस राडार सिस्टम, मिसाइल ले चुका है. ताकि अपनी एयरफोर्स को आधुनिक बना सके. दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन बनाने के लिए चीन भी पाकिस्तान की मदद कर रहा है. बाकी पाकिस्तानी एयरफोर्स और भारतीय वायुसेना की दुश्मनी तो जगजाहिर है. 

ये है पाकिस्तानी वायुसेना का जे-31 स्टेल्थ फाइटर जेट. 

पाकिस्तान चीन से JF-17 Block 3 फाइटर जेट खरीद रहा है. वहीं भारत स्वदेशी तेजस और फ्रांस से खरीदे राफेल पर निर्भर है. इसके अलावा सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट्स को अपग्रेड कर रहा है. लेकिन पाकिस्तान ने अपने पायलटों को फिलहाल जे-31 स्टेल्थ फाइटर जेट उड़ाने की ट्रेनिंग में लगा रखा है. 2012 से लेकर 2019 तक इसमें कई बार J-31 के डिजाइन में बदलाव किए गए. टेस्ट फ्लाइट्स हुईं. आइए जानते हैं इस फाइटर जेट से भारत को कितना खतरा है… इसकी ताकत क्या है. 

कई नाम वाला फाइटर जेट है ये 

इस फाइटर जेट के कई नाम है. जैसे- J-31, FC-31, शेनयांग एफसी-31 स्टेल्थ फाइटर जेट, फॉल्कन हॉक या स्नोवी आउल या J-35. हम इसे J-31 नाम से पुकारते हैं. इसे शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन बनाता है. इसका पहला मॉडल 2012 में दिखाया गया था. चीन का दावा है कि जो देश अपने लिए अमेरिका में बने F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट को नहीं खरीद सकते. वो चीन से ये फाइटर जेट खरीद सकते हैं.

चलिए राफेल से इसकी तुलना भी किए देते हैं… ताकि दोनों की ताकत का अंदाजा लग सके. 

J-31 को एक ही पायलट उड़ाएगा. जे-31 को 56.9 फीट लंबे इस लड़ाकू विमान की ऊंचाई 15.9 फीट है. टेकऑफ के समय अधिकतम वजन 28 हजार kg है. यह अधिकतम 1400 km/hr की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. 

राफेल फाइटर जेट को एक या दो पायलट उड़ाते हैं. यह 50.1 फीट लंबा और 17.6 फीट ऊंचा है. टेकऑफ के समय अधिकतम वजन 24,500 किलोग्राम होता है. यह अधिकतम 1912 km/hr की स्पीड से उड़ सकता है.  

कॉम्बैट रेंज राफेल की ज्यादा, जे-31 की बहुत कम

जे-31 की कॉम्बैट रेंज यानी हथियारों के साथ यह 1200 km है. अगर बीच में फ्यूल मिले तो ये 1900 km तक आ-जा सकता है. अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. 

राफेल की कॉम्बैट रेंज सामान्य तौर पर 1850 किलोमीटर है. रीफ्यूलिंग हो तो ये इतना और जा सकता है. यह अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. जे-31 से थोड़ा ही कम है. 

PAK फाइटर में परमाणु मिसाइल लगाने का ऑप्शन नहीं

J-31 फाइटर जेट में 6 बाहरी और 6 अंदरूनी हार्डप्वाइंट्स हैं. इसमें मीडियम रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली 12 मिसाइलें लगा सकते हैं. हवा से जमीन पर हमला करने वाली 8 सुपरसोनिक मिसाइलें, 500 kg वजन के 8 डीप-पेनेट्रेशन बम या 30 छोटे बम लगा सकते हैं. 

राफेल में 14 हार्डप्वाइंट्स हैं. एक 30 मिलिमीटर की ऑटोकैनन है. जो हर मिनट 125 राउंड गोलियां दागती है. इसके अलावा इसमें हवा से हवा में मार करने वाली MBDA MICA, Meteor, Magic 2 या अस्त्र जैसी मिसाइलें लगा सकते हैं.

हवा से सतह पर मार करने वाली अपाचे, स्टॉर्म शैडो, हैमर, पेव वे बमों की सीरीज, एस-30एल मिसाइल, मार्क 82 बम या एक्सोसेट एंटी शिप मिसाइल लगा सकते हैं. इसके अलावा ASMP-A परमाणु मिसाइल लगा सकते हैं. 

भारत ताकतवर फाइटर जेट AMCA, खस्ता हो जाएगी चीन-PAK की हालत

भारत के पास फिलहाल इस पीढ़ी का कोई फाइटर जेट नहीं है. भारत में अभी AMCA फाइटर जेट बनाया जा रहा है. जिसे बनकर आने में अभी कुछ साल बाकी हैं. इस फाइटर जेट का पूरा नाम है- एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट. एक बार यह फाइटर जेट बन गया तो भारत पाकिस्तान पर ज्यादा भारी पड़ेगा. क्योंकि इसकी गति 2600 km/hr रहेगी. इसकी कॉम्बैट रेंज 1620 km और पूरी रेंज 3240 km होगी. यह अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकेगा. 

 

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