बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के बाद सत्ता पर काबिज शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था. फिलहाल शेख हसीना भारत में हैं. इस तख्तापलट को लेकर रूस ने 8 महीने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी. तब किसी ने रूस के इन दावों को गंभीरता से नहीं लिया था.
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने आरोप लगाया था कि अमेरिका बांग्लादेश को अस्थिर करने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा था कि अमेरिका अरब स्प्रिंग की तर्ज पर बांग्लादेश को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है.
आम चुनावों से पहले किया था ये दावा
जनवरी में हुए बांग्लादेश के आम चुनावों से मारिया जखारोवा ने कहा था, ‘अगर चुनाव के परिणाम अमेरिका के लिए संतोषजनक नहीं होते हैं तो वो बांग्लादेश को ‘अरब स्प्रिंग’ की तर्ज पर और अस्थिर करने का प्रयास कर सकते हैं.’ अरब स्प्रिंग या पहला अरब स्प्रिंग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और सशस्त्र विद्रोह की एक सीरीज थी, जो 2010 की शुरुआत में अधिकांश अरब दुनिया में फैल गई थी. इसकी शुरुआत ट्यूनीशिया में हुई थी.
दिसंबर में भी हुई थी हिंसा
बांग्लादेश में चुनाव के ठीक पहले 12-13 दिसंबर 2023 को मौजूदा सरकार के विरोधियों ने सड़क पर ट्रैफिक जाम किया गया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी. जिस पर रूसी प्रवक्ता ने कहा था. ‘हम इन घटनाओं में पश्चिमी राजनयिक मिशनों की भड़काऊ गतिविधि के बीच संबंध देखते हैं.
जताई थी आशंका
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा था, ‘बांग्लादेश के प्रमुख द्योगों पर हमला हो सकता है. आम चुनाव के दौरान अमेरिका बांग्लादेश के कई अधिकारियों पर बिना सबूत के चुनाव में धांधली का आरोप लगा सकता है.’ उन्हें आगे कहा था. ‘इस बात की संभावना बेहद कम है कि वाशिंगटन अपनी इन हरकतों से बाज आएगा और एक देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा. हालांकि हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में वहां के लोग ही इसका फैसला करेंगे.