ढाका:
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद भी प्रदर्शन का दौर थम नहीं रहा है. अब प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन सहित सभी न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव कर लिया है और अपनी मांग पर अड़े हैं. जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों, जिनमें अधिकतर छात्र शामिल हैं, उन्होंने बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया है और चीफ जस्टिस के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने इस्तीफे के लिए एक घंटे का समय दिया है. दरअसल आज चीफ जस्टिस ने पूर्ण-न्यायालय की बैठक बुलाई थी. चीफ जस्टिस ने नई अंतरिम सरकार से परामर्श किए बिना ये बैठक बुलाई थी. छात्र प्रदर्शनकारियों का कहना है कि न्यायालय के न्यायाधीश एक साजिश का हिस्सा हैं.
इससे पहले, नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर चली गई थीं. शेख हसीना के बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस (84) ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है. यूनुस को मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा संसद भंग किए जाने के बाद अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था. यूनुस ने रक्षा, शिक्षा, रेलवे, कृषि, वाणिज्य आदि सहित कई प्रमुख मंत्रालय अपने पास रखे हैं.
बांग्लादेश की नवगठित अंतरिम सरकार ने ‘बड़े देशों’ के साथ ढाका के संबंधों में ‘संतुलन’ बनाये रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है. विदेश मामलों के सलाहकार एवं पूर्व विदेश सचिव मोहम्मद तौहीद हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि कानून एवं व्यवस्था बहाल करना इस समय अंतरिम सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है तथा पहला लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद अन्य कार्य भी हो जाएंगे. ‘यूएनबी’ समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश को सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने की जरूरत है. हुसैन ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘हम सभी के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं. हमें बड़े देशों के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है.”
अंतरिम सरकार में छात्र नेताओं को मिला मंत्रालय
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के मुख्य समन्वयकों में से एक छात्र नेता नाहिद इस्लाम को देश की नवगठित अंतरिम सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी और डाक मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. जबकि छात्र नेता आसिफ महमूद को युवा एवं खेल मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है.
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले छात्र नेता नाहिद अब देश में अंतरिम सरकार के गठन में भी एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे हैं. उन्होंने शेख हसीना के ढाका से जाने के बाद न केवल बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान के साथ कई दौर की चर्चा की, बल्कि यूनुस को अंतरिम सरकार में शामिल होने के लिए राजी करने में भी प्रमुख भूमिका निभाई. उन्होंने आश्वासन दिया था कि अंतरिम राष्ट्रीय सरकार में छात्र समुदाय और नागरिक समाज के सदस्यों का उचित प्रतिनिधित्व होगा.