खाड़ी युद्ध में दुश्मन के राडार को चकमा देने वाले, छुपे दुश्मनों को चुन-चुनकर ढेर करने वाले और जमीनी लड़ाई का खतरनाक हथियार माने जाने वाला एएच-64 ई अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की तैनाती देश के पश्चिमी फ्रंट जोधपुर में होने जा रही है।
थलसेना को पहली बार जमीन के साथ हवा में दुश्मन को नेस्तनाबूद करने की ताकत मिलने वाली है। यानी अब अमेरिकी आर्मी की तरह जमीन के साथ आसमान से भी दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारने की मारक क्षमता इंडियन आर्मी को मिलने जा रही है। अक्टूबर से जोधपुर मिलिट्री स्टेशन पर 6 अपाचे हेलिकॉप्टर की तैनाती शुरू होगी।
इसके लिए 50 पायलट और तकनीकी स्टाफ की अमेरिका में ट्रेनिंग हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय ने 2022 में बोइंग से थलसेना के लिए 6 हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए करार किया था। जमीनी लड़ाई का सबसे घातक माने जाने वाले अपाचे के साथ स्वदेशी रुद्र अटैक हेलिकॉप्टर साथ होगा।
वायुसेना को मिलेगी दोहरी ताकत
जोधपुर में तैनात होने वाले हेलिकॉप्टर डेजर्ट कैमोफ्लाज के रंग में दिखेंगे। ये हेलिकॉप्टर डेजर्ट हॉक्स की तरह जमीनी अटैक करने में माहिर होगा। थल सेना की एविएशन कोर के पास हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में तैयार एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर रुद्र को कॉम्बेट रोल में तब्दील किया गया है। इसके अलावा लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर प्रचंड भी थलसेना के पास है। वहीं एयरफोर्स की पहली स्क्वाड्रन भी डेढ़ साल पहले जोधपुर में तैनात हो चुकी है।
जोधपुर मिलिट्री स्टेशन के अधीन एविएशन कौर के बेस पर पहले से रुद्र हेलिकॉप्टर तैनात है। अब दोनों ही हेलिकॉप्टर के पायलट्स को इसकी ट्रेनिंग दी गई है, ताकि एयर कैवलरी या ग्राउंड अटैक के दौरान दोनों में बेहतर तालमेल बना रह सकें। इस आधार पर सेना हवा से जमीन पर तगड़ा आक्रमण कर सकेगी। अमेरिकी कंपनी बोइंग ने इस हेलिकॉप्टर को तैयार किया था। इसके बाद पहली बार 1980 के दशक में युद्ध क्षेत्र में कदम रखा।
दुनिया में 1280 से ज्यादा अटैक हेलिकॉप्टर
रेगिस्तानी इलाके में अपाचे की एंटी टैंक रोल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। यह अपने आधुनिक राडार व हथियारों के जरिए भारतीय सेना के टैंकों को दुश्मन के किसी भी हमले से सुरक्षित रखने में सक्षम होगा। 90 के दशक में इराक युद्ध के दौरान पूरे रेगिस्तान में इसका पराक्रम दिखा। इसने इराकी सेना के राडार और सेम मिसाइल्स के अड्डों को नष्ट करके आसमानी वर्चस्व बनाया था।
अभी 7 देशों में 1280 से ज्यादा अटैक हेलिकॉप्टर सेवाएं दे रहे हैं। ये अपनी आधुनिक तकनीक डाटा लिंक और रोटर के ऊपर लगे राडार डोम से दुश्मन के इलाके की जानकारी और फोटो हासिल करके सटीक निशाना साधते हैं। इस हेलिकॉप्टर से स्ट्रिंगर व हेलिफायर मिसाइल से फायर किया जाता है।
मल्टी रोल टास्किंग के हर ऑपरेशन करने की ताकत
अपाचे के आ जाने से थल सेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। मल्टी रोल कॉम्बेट हेलिकॉप्टर अपाचे में हेलिफायर और स्टिंगर जैसे घातक हथियार और मिसाइल लगी हैं। इस ताकत के चलते ये हेलीकॉप्टर रात के खराब मौसम और कठिन परिस्थितियों के बावजूद टारगेट को 100% नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके प्रमुख रूप से दो इस्तेमाल होते हैं, हेलिकॉप्टर गनशिप के तौर पर या एंटी टैंक के रूप में। यह हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने में सक्षम है।
जोधपुर के आसमान में उड़ेंगे अमेरिका, जापान समेत 11 देशों के फाइटर जेट
विश्व की सबसे ताकतवर देशों की जॉइंट एयर एक्सरसाइज ‘रेड फ्लेग’ और ‘पिच ब्लैक’ में भारतीय वायुसेना अपनी ताकत दिखा चुकी है। अब इन दोनों एक्सरसाइज से बड़ी और एडवांस एयर एक्सरसाइज ‘तरंग शक्ति’ का आगाज 6 अगस्त से होने वाला हैं।
इसमें भारत सहित दुनिया की 12 सबसे ताकतवर एयरफोर्स भाग लेने जा रही हैं, जिसमें इनमें यूएस, फ्रांस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूएई, हंगरी, जर्मनी, स्पेन, साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश की एयरफोर्स भाग लेगी। यह वारगेम दो फेज में आयोजित होगा। पहला फेज तमिलनाडु के सुलूर में 6 से 14 अगस्त तक आयोजित होगा। इसके बाद दूसरा फेज जोधपुर में 29 से 14 सितंबर तक होने जा रहा है।
इस हेलीकॉप्टर की है, यह खासियत
इस हेलिकॉप्टर को दो पायलट उड़ाते हैं। इसकी स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। इसका डिजाइन भी ऐसा होता है कि रडार पर इसे पकड़ पाना भी काफी मुश्किल होता है। एक बार में यह हेलिकॉप्टर 1200 से ज्यादा गोलियां अपने स्टोरेज में करता है। यदि इसने एक बार उड़ान भरी तो 2:45 घंटे तक यह हवा में रहेगा।