शुभम सोनी का दावा- ”मैं ही महादेव बेटिंग ऐप का मालिक, भूपेश बघेल के कहने पर दुबई गया”

नई दिल्ली : 

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के मामले में आरोपी शुभम सोनी ने दुबई से एक बयान वीडियो बनाकर जारी किया है. उसने कहा है कि वही महादेव ऐप का असली मालिक है और वह भूपेश बघेल के कहने पर दुबई गया. उसने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में 5.39 करोड़ रुपये जब्त किए थे. ईडी के मुताबिक यह राशि दुबई से शुभम सोनी ने भूपेश बघेल के लिए भेजी थी.

ईडी के अनुसार शुभम सोनी के कहने पर असीम दास यह कैश देने के लिए जा रहा था. ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुभम सोनी वांटेड है. 

साल 2021 में महादेव बेटिंग ऐप शुरू किया था

महादेव ऐप के प्रमोटर के करीबी शुभम सोनी ने रविवार को एक वीडियो मैसेज में दावा किया है कि ‘मैं ही महादेव बेटिंग ऐप का मालिक हूं.’ उसने अपना पेन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट दिखाकर दावा किया कि साल 2021 में महादेव बेटिंग ऐप शुरू किया था. 

सोनी ने कहा कि, ”भिलाई में मैंने छोटी-सी बुक शुरू की थी. उस बुक से पैसा आने लगा, लाइफ स्टाइल बदल गई. मामला आगे पता चलने लगा, लड़के पकड़े जाने लगे. फिर मैं वर्मा जी के सम्पर्क में आया और मैंने उन्हें 10 लाख रुपये महीना बतौर प्रोटेक्शन मनी देना शुरू कर दिया.”

”सीएम साहब ने बोला कि अपना काम बढ़ाओ और दुबई जाओ”

उसने कहा कि, ”मेरे लड़के पकड़े गए तो मैंने वर्मा जी को बोला. वर्मा जी ने फिर मेरी मीटिंग सीएम साहब से करवाई. वहां बिट्टू जी और सीएम साहब ने बोला कि अपना काम बढ़ाओ और दुबई जाओ. वहां मेरा काम अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर प्रॉब्लम हुई, मेरे लड़के पकड़े गए. मैं रायपुर आया और मैं फिर वर्मा जी और गिरीश तिवारी के जरिए उस वक्त एसपी प्रशांत अग्रवाल से मिला.”

शुभम ने कहा कि, ”प्रशांत अग्रवाल ने मेरी बात अपने फोन से स्पीकर पर सीएम बघेल से करवाई. उन्होंने बोला तुझे वहां काम संभालने भेजा था तो मालिक बन गया. मैंने रिक्वेस्ट की तो बोले प्रशांत से बात करो समझा देगा तुम्हें क्या करना है. फिर प्रशांत जी ने जो बोला, जिस-जिस को देने को बोला, मैंने दिया. बिट्टू भैया के जरिए 508 करोड़ रुपये भी दे चुका हूं, फिर भी मुझे दिक्कत कर रहे हैं.”

”मैं इंडिया आना चाहता हूं, मेरी मदद करें”

शुभम सोनी ने कहा कि, ”मैंने अपने लिखित बयान में साफ बताया है कि कितना पैसा किस-किस को कब और किस तरह दिया गया. मेरी सरकार से गुजारिश है कि मैं इस पॉलिटिकल सिस्टम में फंस चुका हूं. मैं इंडिया आना चाहता हूं, मेरी मदद करें.”

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