कांग्रेस का बड़ा चेहरा और अपनी मुखर आवाज को लेकर फेमस नेता अधीर रंजन चौधरी का 2024 के पहले लोकसभा में दबदबा था. विपक्ष के नेता का रोल अदा करते थे. चौधरी वह नेता है, जिन्होंने 2019 जैसे मुश्किल चुनाव में भी बंगाल से जीत दर्ज की और संसद पहुंचे.
2024 के चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा. ममता बनर्जी ने ऐसा दांव खेला कि अधीर रंजन चौधरी की राजनीति में एक के बाद एक खेल होते जा रहे हैं. सबसे बड़ी चौकाने वाली ये है कि अब अधीर रंजन चौधरी बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं रहे. लेकिन चौधरी के कांग्रेस से जाने के बाद ममता बनर्जी को साथ आने का सिग्नल मिल रहा है.
अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने की खबर भी नहीं दी गई. कांग्रेस हाईकमान ने बिना बताए उन्हें पद से हटा दिया. उन्हें इस बात का पता तब चला जब एक पार्टी मीटिंग में उनके नाम के आगे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष लगाया गया
अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा था कि उन्होंने चुनाव के बाद कांग्रेस को अपना इस्तीफा भेजा था, लेकिन किसी ने यह भी नहीं बताया कि इस्तीफा मंजूर हुआ है या नहीं.
अधीर रंजन चौधरी ने कहना है कि जब से मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान संभाली है तब से देश में सारे पद अस्थाई हो गए. मैं भी अस्थाई हो चुका हूं. अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव हारने के बाद जैसे मोर्चा खोला हुआ था. कांग्रेस के खिलाफ तो नहीं पर मल्लिकार्जुन के खिलाफ खूब बयान बाजी कर रहे थे.
जानकारी के मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बंगाल सांसद अधीर रंजन चौधरी को पद से हटाने के संकेत दिए थे. लेकिन राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाए और अधीर रंजन चौधरी को डायरेक्टर पद से ही हटा दिया.