नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ शराब घोटाले में जांच पूरी कर चुकी है. अब जांच एजेंसी का पूरा ध्यान इस पर है कि ₹1,100 करोड़ की अपराध आय के बराबर कौन सी संपत्तियां कुर्क की जाए. हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, जांच अधिकारियों ने बताया कि इस पर भी जल्द ही सुनवाई होगी. इस मामले में ईडी अब तक केवल 244 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है
ईडी के एक अधिकारी ने पहचान छापने के शर्त पर बताया कि ‘अरविंद केजरीवाल और आप, आरोपी संख्या 37 और 38 के संबंध में, हमारी जांच पूरी हो गई है. अदालत ने हमारी टीम द्वारा दायर सभी आठ आरोप पत्रों का संज्ञान लिया है और अधिकांश आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया गया है. हम अब अपराध की शेष राशि का पता लगाने और उसे जब्त करने की प्रक्रिया में हैं.’ गौरतलब है कि खत्म हो चुकी दिल्ली शराब नीति मामले की जांच अब तक 22 महीने तक चली है, जिसमें 18 गिरफ्तारियां हुई हैं, 40 आरोपियों के खिलाफ आठ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं और चार दर्जन से अधिक छापे मारे गए हैं.
धुरंधर वकीलों की टीम लगी थी बचाने में
पिछले डेढ़ साल में दिल्ली शराब घोटाले में कोर्ट में सुनवाई के लिए ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और कई विशेष सरकारी वकील सुप्रीम कोर्ट सहीत कई कोर्ट में पेश हुए, तो वहीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, दयान कृष्णन और मोहित माथुर जैसे वकीलों ने जमकर दलीलें दीं.
हजारों पन्नों में दस्तावेज
ईडी के ही एक दूसरे अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘हम अब इस मामले में तेजी से सुनवाई के लिए दबाव डालेंगे, क्योंकि इसमें 40 आरोपी, सैकड़ों गवाह और हजारों पन्नों में दस्तावेजी सबूत हैं.’ जांच के दौरान ईडी ने अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से शराब घोटाले का ‘किंगपिन’ यानी कि अनियमितताओं का “सरगना” बताया था. दिल्ली सीएम पर आरोप की पुष्टि के लिए ईडी ने ओंगोल से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और व्यवसायी पी सरथ रेड्डी के बयानों का इस्तेमाल किया.