मणिपुर में एक प्रमुख कुकी संगठन, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने शनिवार (13 जुलाई) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने केंद्र से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239ए के तहत कुकी-ज़ो समुदाय के लिए विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने में तेजी लाने का आग्रह किया.
इस पत्र में जिरीबाम जिले के फैतोल गांव से एक किशोर सहित दो ग्रामीण स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी और केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा सात कुकी महिलाओं की कथित पिटाई की निंदा भी की गई.
लेटर में कही गई ये बात
इस लेटर में कहा गया, ‘एल. हेंगजोल गांव के मुखिया के घर पर आगजनी के हमले के बाद तीन ग्रामीण स्वयंसेवकों को गिरफ्तार कर लिया गया. सुरक्षा बलों द्वारा पीटी गई पांच कुकी महिलाओं को इलाज के लिए नोनी अस्पताल ले जाना पड़ा. इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने कुकी इनपी (जिरीबाम, नोनी और तामेंगलोंग) के महासचिव के घर में आग लगा दी.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘अगर सुरक्षाबल इसी तरह से पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करेंगे तो भविष्य में हम सहयोग नहीं करेंगे. कार्रवाई एकतरफा नहीं हो सकती.’ बता दें कि 13 मार्च को, एनआईए ने इम्फाल पश्चिम जिले से पाम्बेई के नेतृत्व वाले यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया. इसके अलावा बुधवार को, मणिपुर पुलिस ने अरामबाई टेंगोल से जुड़े दो व्यक्तियों को एक इंसास राइफल और 16 जिंदा राउंड से भरी एक मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया था.
केंद्र से उठाई ये मांग
आईटीएलएफ ने आगे मांग की कि अगर केंद्र सरकार शांति के हित में करना चाहती है तो उन्हें इंफाल घाटी और अन्य घाटी क्षेत्रों में तुरंत सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) लागू करना चाहिए.