सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को झटका दिया है। कोर्ट ने शिवकुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर आय से अधिक संपत्ति के कथित मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज केस को रद्द करने की मांग की थी। बताया गया है कि शिवकुमार ने मामले के भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किए जाने पर आपत्ति जताई थी और सुप्रीम कोर्ट से जांच को खत्म करने की मांग की थी। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय से उनकी याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की बेंच ने कहा कि वह कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए शिवकुमार की याचिका को खारिज किया जाता है।
गौरतलब है कि शिवकुमार ने इससे पहले सीबीआई केस रद्द करवाने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। तब उन्हें उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिली थी। हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई से तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।
क्या हैं सीबीआई के आरोप?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि डीके शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए अपने ज्ञात आय के स्रोतों से इतर बेतहाशा संपत्ति हासिल कर ली। सीबीआई ने मामले में 3 सितंबर 2020 को केस दर्ज किया था। वहीं, डीके शिवकुमार ने इस मामले को 2021 में चुनौती दी थी।