नई दिल्ली: लेबर पार्टी की शानदार जीत के बाद कीर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. आम चुनावों में ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजरवेटिव पार्टी को बड़ा झटका दिया है. लेकिन भारत के लिहाज से बात करें तो अब इस ओर ध्यान रहेगा कि स्टार्मर किस तरह से लेबर पार्टी के संबंधों को नई दिल्ली के साथ मजबूत करने की योजना बनाते हैं. हालांकि उनके कुछ सांसद खालिस्तानी समर्थक माने जाते हैं. अब यह देखना होगा कि ऐसे में भारत के साथ ब्रिटेन का रिश्ता किस तरह से आगे बढ़ाते हैं.
ब्रिटिश सिख सांसद प्रीत कौर गिल भी चुनाव जीत चुकी हैं. वह संसद में लगातार सिख समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाने वाले भारत से जुड़े एजेंटों और अंतरराष्ट्रीय दमन का मुद्दा उठा चुकी हैं. कौर लंबे समय से खालिस्तान आंदोलन से जुड़ी रही हैं और उनके पिता स्मेथविक गुरुद्वारा के नेता हैं. यह वही मंदिर है जहां प्रीत, कीर स्टार्मर को भी ले गई थी और यहां खालिस्तानी आतंकवादियों का एक मंदिर है, जिसमें अभी भी ब्रिटेन में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह – बब्बर खालसा भी शामिल है.
जीत के बाद कौर ने क्या कहा?
लेबर पार्टी की सदस्य गिल बर्मिंघम एजबेस्टन से दोबारा चुनी गई हैं. चुनाव जीतने के बाद गिल ने एक्स पर लिखा, “बर्मिंघम एजबेस्टन के लिए सांसद के रूप में फिर से चुने जाने पर मुझे बहुत सम्मान और सौभाग्य मिला है. मुझ पर भरोसा करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद. मैं उन लोगों और जगहों की सेवा करना जारी रखूंगी, जिनसे मैं प्यार करती हूं.”
लेबर पार्टी से एक और सांसद वरिंदर जूस ने भी जीत दर्ज की है. वह वॉल्वरहैम्प्टन वेस्ट से सांसद हैं. जूस के साथ-साथ कौर पर खालिस्तानी समूहों से संबंध रखने का आरोप है. उन्होंने लाभ सिंह और सुखदेव सिंह बब्बर जैसे अलगाववादियों की एक गैलरी के सामने स्टार्मर के साथ पोज़ दिया था.