ग्वालियर। ग्वालियर सहित प्रदेश के कई जिलों में बिजली के बिल पर सिक्युरिटी डिपाजिट पर मिलने वाला ब्याज उपभोक्ताओं को झटका दे रहा है। जून माह के बिल में ब्याज की राशि जुड़कर आने से उपभोक्ता परेशान है। वे शिकायत लेकर बिजली अफसरों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन अफसर उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे है। दरअसल यह गड़बड़ी भोपाल में बिल जनरेट होने के दौरान हुई है।
विद्युत वितरण कंपनी की आईटी सेल ने माना है कि इस बार कुछ बिलों में तकनीकी दिक्कत के चलते सिक्युरिटी डिपाजिट पर मिलने वाला ब्याज बिलों में ज्यादा जुड़कर आया है। हालांकि इस दिक्कत में सुधार कर लिया गया है। अगले माह से ऐसा नहीं होगा। मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी हर माह 50 लाख उपभोक्ताओं के बिल जनरेट करती है।
ऐसे में सालभर में प्रदेश भर में 6 करोड़ बिल जनरेट किए जाते हैं। लेकिन इस बार तीन से चार दिन के बिल की गणना सिस्टम में तकनीकी दिक्कत के चलते ज्यादा हो गई। इसलिए सिक्युरिटी डिपाजिट पर मिलने वाले ब्याज की राशि ज्यादा जुड़कर बिलों में पहुंच गई। ऐसा बिजली कंपनी की आईटी सेल उप महाप्रबंधक का कहना है। उनका कहना है कि हर बिल में ऐसा नहीं हुआ है। कुछ बैच में इस तरह की शिकायत सामने आई हैं।
बता दें कि जमा सिक्युरिटी डिपाजिट राशि पर बिजली कंपनी साल भर में छह फीसदी की दर से ब्याज देती है। इस बार इसकी गणना में तकनीकी कारणों से गड़बड़ी हो गई।
24 करोड़ बिल जनरेट करने से सिस्टम हुआ फेल
24 करोड़ बिल जनरेट होने से सिस्टम फेल बिजली कंपनी ने पिछले तीन से चार साल में करीब 24 करोड़ बिजली बिल जनरेट किए, लेकिन सिस्टम की सर्विस नहीं हो पाई। ऐसे में कंपनी की आईटी सेल ने सिस्टम की सर्विस कराई और उसके बाद बिल जनरेट किए तो सिक्युरिटी डिपाजिट के ब्याज की गणना गड़बड़ा गई। इस कारण बिल में ब्याज की राशि जुड़कर आ गई। जिससे बिल कम होने की बजाय ज्यादा हो गया। उपभोक्ताओं को पीओएस मशीन से इस बिल का पूरा भुगतान करना पड़ा।
इस तरह होता है जोड़-घटाने का गणित
मान लीजिए किसी उपभोक्ता के सिक्युरिटी डिपाजिट मद में 100 रुपए जमा हैं तो उस पर साल भर में 6 रुपए ब्याज मिलेगा। – यदि किसी उपभोक्ता की सिक्योरिटी 200 रुपए जमा है और उनकी अधिकतम बिजली खपत का बिल 100 रुपए बना तो इनकी 45 दिन की अधिकतम खपत के 150 रुपए होंगे। इस तरह 200 में से 150 रुपए घटाकर 50 रुपए तीन किस्तों में उपभोक्ता को वापस कर दिए जाते हैं।