बाबा महाकाल के शरण में पहुंचे सिंधिया: गर्भगृह में की पूजा-अर्चना, मां बगलामुखी मंदिर में भी टेका माथा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे, जहां उन्होंने गर्भगृह से बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन और अभिषेक किया। सिंधिया पूरे समय बाबा महाकाल की भक्ति में लीन नजर आए। 

सिंधिया राजमाता माधवी राजे सिंधिया के निधन के बाद विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। जहां उन्होंने बाबा महाकाल की पूजा अर्चना तो की ही इसके साथ ही यहां किया जा रहे निर्माण कार्यों को भी देखा। पूजन अर्चन  के बाद आपने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बाबा महाकाल की शरण में सिंधिया परिवार सदा ही रहा है। मंदिर की स्थापना और जीर्णोद्धार सिंधिया परिवार ने ही किया है। सिंधिया परिवार के राणो जी महाराज ने वर्ष 1125 में जब मुगलों ने इस मंदिर को पूरी तरह नष्ट कर दिया था, उस समय इस मंदिर की पुनर्स्थापना की थी। 

सिंधिया ने कहा कि बाबा महाकाल का आशीर्वाद समस्त मालवा, प्रदेश व देश की जनता के साथ रहे यही हमारी कामना है। आपने बताया कि मैं जब भी उज्जैन आया बाबा महाकाल के दर्शन किए बिना कभी नहीं लौटा। यहां आने से आत्मा में नई शांति व विश्वास में नई ऊर्जा का संचार होता है। उज्जैन ग्वालियर स्टेट की राजधानी है, जहां मुझे बाबा महाकाल के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है। महाकाल मंदिर में चल रहे विकास कार्य को लेकर आपने कहा कि मैंने यहां चल रहे कार्यों को देखा है लेकिन मंदिर का भव्य रूप जो प्राचीन जमाने में था वही होना चाहिए। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री व सांसद जी से बात करूंगा। मंदिर को भव्य बनाया जाए इसमें कोई एतराज नहीं है, लेकिन आधुनिकरण के साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि यह निर्माण विरासत के आधार पर होना चाहिए। महाकाल लोक भाजपा सरकार द्वारा बनाया गया जो कि काफी भव्य और दिव्य है इसका अगला चरण भी चल रहा है जिससे यह ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे विख्यात होगा और विश्व में इस ज्योतिर्लिंग का नाम भी एक अलग ही पहचान होगी। राजनीतिक प्रश्नों पर आपने कहा कि मैं मंदिर प्रांगण में राजनीति की कोई बात नहीं करता हूं। 

गर्भगृह में की कुछ ऐसी पूजा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया। इस पूजा-अर्चना के दौरान वह पूर्ण भक्ति भाव से बाबा महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिए। मंदिर में पंडित नवनीत गुरु द्वारा पूजन अर्चन करवाया गया। इस दौरान सिंधिया ने बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया उन्हें पूजन सामग्री अर्पित की। फूल चढ़ाए, आंकड़े की माला पहनाई, वस्त्र अर्पित किया और आरती भी की उनके द्वारा की गई है। पूजा पूर्ण विधि-विधान की थी। इस दौरान उनके साथ भाजपा नेता तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महंत राजेंद्र भारती, सांसद अनिल फिरोजिया भी मौजूद रहे।


केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को इंदौर से सड़क मार्ग द्वारा आगर मालवा जिले के नलखेड़ा स्थित विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर पहुंचे। सिंधिया व कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने मंदिर के गर्भगृह में बैठकर विधि विधान और मंत्रोचार के साथ माता के दर्शन-पूजन किए व सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने विशेष हवन-अनुष्ठान भी किया। 

नलखेड़ा पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री का पुष्पहार से स्वागत किया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री मंदिर के पास स्थित सांदीपनि आश्रम पहुंचे। जहां उन्होंने स्वामी सांदीपेंद्र से आशीर्वाद प्राप्त कर चर्चा की। साथ ही मंदिर में विशेष हवन-अनुष्ठान भी किया। हवन पश्चात भाजपा कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री व अन्य अतिथियों का स्वागत कर भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहली बार नगर आगमन पर लोगों के द्वारा जगह-जगह स्वागत द्वार बनाकर स्वागत किया गया। उनके साथ लोगों ने सेल्फी ली।

चमत्कारी मंदिर है माता बगलामुखी का

नलखेड़ा स्थित माता बगलामुखी का मंदिर भी काफी चमत्कारी है। यहां पर चुनाव लड़ने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी हवन पूजा करवाई थी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आगर जिले में लगभग दो घंटे से ज्यादा का वक्त नलखेड़ा मां बगलामुखी मंदिर पर रहे। इसके पहले भी कई दिग्गज नेता यहां आकर पूजन करा चुके हैं। बताया जाता है कि ये मंदिर तंत्र साधना के लिए उत्तम स्थान के रूप में प्रसिद्ध है।

तीन स्थानों पर है मां बगलामुखी

मां बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे खास है। भारत में मां बगलामुखी के तीन ही प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर माने गए हैं, जो क्रमश: दतिया (मप्र), कांगड़ा (हिमाचल) एवं नलखेड़ा जिला आगर मालवा (मप्र) में हैं। तीनों का अपना अलग-अलग महत्व है। मप्र में तीन मुखों वाली त्रिशक्ति माता बगलामुखी का एकमात्र यह मंदिर आगर जिले की तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के किनारे स्थित है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री करीब दो घंटे से अधिक समय बगलामुखी मंदिर में रुके। इस दौरान उन्होंने मंदिर के इतिहास के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उनके पहुंचने पर प्रशासन सतर्क रहा। 

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