महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान ने बढ़ाई NDA की टेंशन? कहा- ‘इस बार टक्कर…’

महाराष्ट्र में 48 लोकसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में बंद हो गयी है. ऐसे में अब सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 4 जून के नतीजे का इंतजार है. महायुति नेता लगातार यह विश्वास जता रहे हैं कि वे 40 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. खास तौर पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी विश्वास जताया है कि महागठबंधन उतनी ही सीटें जीतेगा जितनी पिछले चुनाव में जीती थी. 

तो वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने महागठबंधन की शानदार जीत का भरोसा जताया है. एबीपी माझा के मुताबिक हालांकि, अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अलग आंकड़ा बताया है. अठावले ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में घमासान मचा हुआ है.

रामदास अठावले का सियासी अनुमान क्या है?

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव का सियासी गणित पेश करते हुए कहा, ”इस साल महाराष्ट्र में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली है. मुझे लगता है कि महाराष्ट्र में 35 से 40 सीटों पर महायुति की जीत होगी. दिलचस्प बात यह है कि कल ही राष्ट्रीय समाज पक्ष के प्रमुख महादेव जानकर ने अपना विश्वास जताया था कि महायुति को महाराष्ट्र में 42 सीटों पर जीत हासिल होगी.

महायुति की टेंशन बढ़ी!

बहरहाल महायुति की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि उनके ही महागठबंधन में शामिल पार्टी के नेता रामदास अठावले ने 35 से 40 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की है. महाराष्ट्र में इस साल हुए लोकसभा चुनाव की भविष्यवाणी करना हर किसी के लिए मुश्किल हो गया है. इसलिए महाराष्ट्र में महागठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी इसका सही अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है. लेकिन, दोनों मोर्चों के नेताओं को भरोसा है कि वे सबसे ज्यादा सीटें जीतेंगे. 

शिवसेना और एनसीपी के बीच विभाजन के बाद राज्य में यह पहला बड़ा चुनाव है. इसलिए देश की नजर महाराष्ट्र में सियासी बदलाव पर टिकी है. इसमें अब मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी की जाती है. सियासी रणभूमि में इस वक्त कई सीटों पर चुनावी नतीजों पर दांव चल रहा है. ऐसे में राजनीतिक नेता भी अपने अनुभव और विश्लेषण के आधार पर भविष्यवाणी कर रहे हैं कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी.

महाराष्ट्र में 48 सीटें हैं और दोनों गठबंधनों में महायुति और महाविकास अघाड़ी के जरिए तीन बड़ी पार्टियां एक साथ आई हैं. हालांकि, शिवसेना और एनसीपी के बीच फूट के कारण इस साल के लोकसभा चुनाव ने अलग मोड़ ले लिया है. इसके अलावा मराठा आरक्षण का मुद्दा भी इस बार के चुनाव में अहम फैक्टर रहने वाला है. इसलिए 4 जून को ही पता चलेगा कि आम चुनाव में महायुति सीट बरकरार रखेगी या महाविकास अघाड़ी ज्यादा सीटें जीतेगी.

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