श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: ‘शाही ईदगाह ही श्रीकृष्ण का जन्मस्थान’, मंदिर पक्ष ने रखे ASI की ओर से दिए गए प्रमाण

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले की सुनवाई के दौरान मंदिर पक्ष ने एएसआई की ओर से दिए गए पुख्ता प्रमाण पेश किए। मंदिर पक्ष की ओर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रीना एन सिंह ने कहा कि शाही ईदगाह ही श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है।

रीना एन सिंह ने दलील देते हुए कहा कि एएसआई की जांच में पुरातात्विक खनन के दौरान ईदगाह के अंदर स्थित कुएं से श्रीकृष्ण के मूल गर्भगृह के मंदिर की आठ फुट की चौखट मिल चुकी है। उस चौखट के आगे के भाग पर नक्काशी की हुई है। चौखट के पीछे के भाग में ब्राह्मी लिपि में अंकित है कि यह भगवान वासुदेव का महास्थान है। यह चौखट मथुरा के सरकारी म्यूजियम में रखी हुई है। उन्होंने अपनी दलील में कई प्रमाणिक संदर्भों का उल्लेख किया। कहा कि खनन में राधा-कृष्ण की मूर्तियों के अवशेष भी मिले हैं। 

सुनवाई के लिए अगली तिथि 15 मई निर्धारित की गई है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिवक्ता हरेराम त्रिपाठी, अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह, अधिवक्ता विनय शर्मा, राणाप्रताप सिंह, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी सहित अन्य अधिवक्ता पक्ष रखने के लिए मौजूद रहे।

कंस कारागार को बदलकर शाही ईगाह के रूप में किया उपयोग
अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने अपनी दलील में कहा कि एएसआई अधिनियम 1904 के अंतर्गत विवादित स्थल अनुरक्षित है, जो आज तक विद्यमान है। इस कारण यह उपासना स्थल अधिनियम के तहत नहीं आता है। पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर कंस कारागार को आंशिक रूप से परिवर्तित कर वहां उपस्थित विग्रहों को हटाकर उसे शाही ईदगाह के रूप में उपयोग किया जाने लगा। एएसआई से सर्वेक्षण कराने पर वहां साक्ष्य मिल जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *