जम्मू कश्मीर की स्वघोषित एक्टिविस्ट याना मीर दिल्ली एयरपोर्ट पर रोक ली गईं. वह कथित रूप से सामान की स्कैनिंग में एयरपोर्ट स्टाफ के साथ को-ऑपरेट नहीं कर रही थीं. याना मीर वो ही हैं जिन्होंने ब्रिटेन में मलाला युसुफ़ज़ई को लेकर बयानबाजी की थी. वह सोशल मीडिया पर वायरल हुईं और खूब सुर्खियां भी बटोरीं.
याना मीर इंग्लैंड से लौटी थीं लेकिन कस्टम अधिकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट पर रोक लिया. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह बता रही हैं कि एक ‘देशभक्त’ के साथ किस तरह बर्ताव किया जाता है. वह कस्टम अधिकारियों से बहस करती भी नजर आ रही हैं कि आखिर उनके ‘सामान को पब्लिक प्लेस में क्यों खोला जा रहा है?’
एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद याना मीर के आरोप
वीडियो में याना मीर कहती सुनी जा सकती हैं कि उनकी ट्रॉली में ‘कुछ शॉपिंग बैग्स हैं, जो उन्हें इंग्लैंड में उनके रिश्तेदारों ने दिए थे. उनके पास उनके बिल नहीं हैं. अधिकारी उनसे कथित रूप से उन शॉपिंग बैग्स पर कस्टिम ड्यूटी की मांग कर रहे हैं. वह वीडियो में अधिकारियों द्वारा उनके सामान खोले जाने का विरोध कर रही हैं और कहती सुनी जा सकती हैं कि ‘यह बहुत शर्मिंदगी की बात है.’
याना मीर वीडियो में दिखा रही हैं कि उनके बैग में कुछ शॉपिंग बैग्स हैं. वह कह रही हैं कि इस तरह किया जा रहा है जैसे कि वह कोई ‘ड्रग पेडलर हों, चोर हों.’ एक महिला अधिकारी को वह बता रही हैं कि ‘आपको नहीं पता कि मैं क्या करके आई हूं. आपको क्या लगता है कि मैं कोई चोरी करके जा रही हूं. अगर बिल होते तो मैं दिखा देती.’ साथ याना मीर कहती हैं, “एक देशभक्त नागरिक के साथ देश में इस तरह का बर्ताव किया जाता है.”
दिल्ली कस्टम ने शेयर किए याना मीर के वीडियो
याना मीर के इन तमाम आरोपों पर दिल्ली एयरपोर्ट के कस्टम ऑफिस की तरफ से स्पष्टीकरण भी दिया गया है. दिल्ली कस्टम के आधिकारिक एक्स पोस्ट में दो वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें याना मीर स्कैनिंग मशीन के पास खड़ी नजर आ रही हैं. कस्टम ने बताया कि वह अपने सामान की स्कैनिंग में को-ऑपरेट नहीं कर रही थीं.
इस बीच एक स्टाफ उनके सामान को उठाकर मशीन मे डाल देते हैं. बाद में अधिकारियों ने बैग लेकर उसे खोलकर चेकिंग की. दिल्ली कस्टम ने कहा कि “वीडियो पूरी कहानी बयां करती है.” कस्टम ने साथ ही कहा, “विशेषाधिकार कानून से ऊपर नहीं हैं.”
कौन हैं याना मीर?
याना मीर जम्मू कश्मीर की रहने वाली हैं और अपने आपको एक कार्यकर्ता बताती हैं. वह एक पत्रकार भी हैं. ब्रिटिश संसद भवन में जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर (JKSC) द्वारा एक ‘संकल्प दिवस’ आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में वह जम्मू कश्मीर में बीजेपी के मीडिया इंचार्ज साजिद युसुफ शाह द्वारा भेजी गई थीं.
याना मीर ने इस कार्यक्रम में कहा था, “मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं, क्योंकि मुझे कभी भी अपने देश से भागना नहीं पड़ेगा.” उन्होंने कहा था, “मैं स्वतंत्र हूं, और मैं अपने देश भारत में, कश्मीर में अपने घर में, जो भारत का हिस्सा है, सुरक्षित हूं.”
कौन हैं मलाला यूसुफजई?
लड़कियों की शिक्षा पर तालिबान के प्रतिबंधों का विरोध करने पर मलाला यूसुफजई को 2012 में पाकिस्तान की स्वात घाटी में एक तालिबान बंदूकधारी ने सिर में गोली मार दी थी. हमले के बाद, मलाला ब्रिटेन इलाज के लिए भेजी गईं और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. 2014 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला था, जब वह महज 17 साल की थीं.