राज्यसभा चुनाव से पहले सपा को बड़ा झटका, वोट नहीं डाल सकेगा ये विधायक, जानें- क्या है वजह

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मतदान से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. सपा के विधायक इरफान सोलंकी वोट नहीं कर पाएंगे. अदालत ने उन्हें आगामी राज्यसभा चुनाव में वोट करने से रोक दिया है. अब सपा के लिए अपने तीसरे उम्मीदवार को जिताना और मुश्किल हो जाएगा. इससे पहले सुहेलदेव समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को भी अदालत ने मतदान में शआमिल होनेकी अनुमति नहीं दी थी. 

वर्ष 2022 से जेल में बंद सपा के विधायक इरफान सोलंकी कई गंभीर आरोपी में महाराजगंज जेल में बंद हैं जहा एक तरफ समाजवादी पार्टी राज्यसभा में अपनी मजबूती के लिए रणनीति बना रही है वहीं एक राज्य सभा प्रत्याशी किंजीत के लिए 37 विधानसभा सदस्यों की जरूरत होती है तो वहीं तीसरे प्रत्याशी की जीत अब अधर में नजर आ रही है क्योंकि कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी ने वकील के माध्यम से कानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में वोट डालने को लेकर अर्जी दाखिल की थी लेकिन कोर्ट की तरफ से सपा विधायक इरफान सोलंकी की राज्यसभा में वोट करने की अर्जी को न्यायालय ने खारिज कर दिया है.

इरफान सोलंकी के वकील मोहम्मद आसिफ खान ने कोर्ट में एमपी एमएलए अदालत में अर्जी दाखिल की थी और इस बात की मांग की थी की विधायक इरफान सोलंकी को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति प्रदान की जाए. उदाहरण के तौर पर विधायक इरफान के वकील ने  झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का उदाहरण पेश किया था कि  ईडी की हिरासत में होने के बावजूद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए सोरेन को विधानसभा भेजा गया था लेकिन कोर्ट ने वकील की इस दलील को दरकिनार कर सपा विधायक इरफान सोलंकी की अनुमति अर्जी को खारिज कर दिया.

राज्यसभा चुनाव के लिए सपा ने तीन प्रत्याशियों क्रमशः जया बच्चन, रामलालजी सुमन और आलोक रंजन को उतारा है. वहीं बीजेपी ने 8 प्रत्याशी उतारे हैं. 10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशियों के चलते सभी 10 सीटों के लिए मतदान होंगे.

बदल गए समीकरण

यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 399 विधायक हैं. इसमें से अभी सिर्फ 397 विधायक ही मतदान में शामिल हो सकते हैं. समाजवादी पार्टी को राज्यसभा की 3 सीट जीतने के लिए 111 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.  समाजवादी पार्टी के अभी 108 विधायक हैं. कांग्रेस के दो, BJP के 252, अपना दल एस के 13, रालोद के 9, निषाद पार्टी के 6, सुभासपा के 6, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 और बसपा का के एक विधायक हैं.

अदालत के फैसले के बाद जहां सपा का गणित घटकर 107 हो गया है तो ऐसे में अब उसे बाहरी समर्थन की जरूरत पड़ेगी. अभी तक के समीकरण के अनुसार अगर कांग्रेस, सपा को सपोर्ट कर भी दे तब भी उसके पास कुल 109 विधायक ही होंगे. ऐसे में उसे 2 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी. इन आंकड़ों को ध्यान में रखें तो क्रॉस वोटिंग की आशंका के बीच सपा के लिए रालोद के कथित नाराज विधायक, सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले सपा नेता और बसपा के इकलौते विधायक मददगार साबित हो सकते हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 27 फरवरी को मतदान के बाद आंकड़ों का ऊंट किस करवट बैठता है.

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