अयोध्या। सिंगापुर में रह रहे भारतीय उद्योगपति भूपेंद्र कुमार मोदी ने कहा है कि उनको शंकराचार्यों ने राजर्षि की उपाधि दे दी है। यह केवल उपाधि नहीं, सनातन धर्म के प्रचार की प्रमुख जिम्मेदारी है। राम मंदिर इसका अहम पड़ाव है। अब भारत को सनातन राष्ट्र और विश्व को सनातन मय करना है।
सरकार अपना काम कर चुकी
भूपेंद्र कुमार मोदी यहां अपने चार्टर्ड हवाई जहाज से शाम तीन बजे पहुंचे। उन्होंने अपने 75वें जन्मदिन पर संन्यास आश्रम में भी प्रवेश की घोषणा अयोध्या की परिधि पर स्थित रामायण होटल में पत्रकार वार्ता में की।
उन्होंने यह भी बताया कि जिस तरह से अयोध्या बन-संवर रही हैं, उसमें वह भी अपना योगदान करेंगे। अब अयोध्या ग्लोबल हो गई है। यहां पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बढ़ियां सड़कें, और रेलवे की सुविधा हो गई है। सरकार अपना काम कर चुकी है, अब उद्यमियों को अपना करना है।
अयोध्या विश्व की पहली धर्मनगरी
उन्होंने कहा कि जैसे इस्लाम में मक्का का महत्व है, वैसे ही पूरी दुनिया में अयोध्या का महत्व है। मक्का में पांच हजार बड़े होटल हैं। यहां भी कम से कम उतने ही होटल होने चाहिए, क्योंकि मक्का एक धर्म का केंद्र है, जबकि अयोध्या विश्व की पहली नगरी है। इसका वैभव भी वैसा ही होना चाहिए। सरकार मूलभूत सुविधाएं दे रही है, तो अब उद्योगपति व व्यवसायी इसे भव्यता प्रदान करेंगे।
राजर्षि मोदी ने कहा कि वह यहां पर बड़ा निवेश करने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। वह सरकार की नीतियों का अध्ययन करेंगे। इसके बाद निवेश की ओर कदम बढ़ाएंगे। वह भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अपनी सहभागिता के लिए यहां पर आए हैं। वह यहां पर प्राण प्रतिष्ठा तक रुकने वाले हैं। उनके साथ कुछ अन्य विदेशी निवेशक भी आए हैं।