पाकिस्‍तानी सेना को दोस्‍त चीन ने फिर लगाया करोड़ों का चूना, कबाड़ बना अवाक्‍स व‍िमान, करना पड़ रहा रिटायर

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान की सेना को एक बार फिर से चीन ने बड़ा चूना लगाया है। यही वजह है कि पाकिस्‍तान की वायुसेना एक हैरान करने वाला कदम उठाते हुए इस साल अपने ZDK-03 कराकोरम ईगल एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को रिटायर करने जा रही है। पाकिस्‍तान की वायुसेना अब हवाई निगरानी के लिए केवल स्‍वीडन की कंपनी साब के बनाए 2000 इरिए अवाक्‍स व‍िमान पर भरोसा करेगी। अभी 10 साल पहले ही पाकिस्‍तान ने भारत के इजरायल से खरीदे अवाक्‍स व‍िमानों से निपटने के लिए चीन से करोड़ों के 4 ZDK-03 कराकोरम एयरक्राफ्ट खरीदे थे जो बेकार निकल गए हैं। यही वजह है कि अब चीन के इन व‍िमानों की क्षमता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

व‍िशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्‍तान का ZDK-03 कराकोरम चीन के व‍िमान शांक्‍सी वाई 8 पर आधारित है। इस व‍िमान की खरीद के बाद पाकिस्‍तानी वायुसेना और चीन दोनों ने ही इसकी क्षमता की जमकर शेखी बघारी थी। चीन और पाकिस्‍तान का दावा था कि इससे लंबी दूरी तक वे अपनी निगरानी को बढ़ा पाएंगे। पाकिस्‍तान ने भारत और अफगानिस्‍तान दोनों के मोर्चे पर निगरानी के लिए यह व‍िमान खरीदा था जो अब बेकार निकल गया है।

चीन का अवाक्‍स व‍िमान मात्र 8 साल में बेकार

चीन ने साल 2011 से 2015 के बीच में इन व‍िमानों की आपूर्ति की थी। इस तरह से इन व‍िमानों का सेवाकाल 10 साल से भी कम रहा। अचानक से इन व‍िमानों को रिटायर करने के फैसले से चीन के व‍िमानों की क्षमता और व‍िश्‍वसनीयता को लेकर एक बार फिर से सवालिया निशान लग गया है। बताया जा रहा है कि इन चीनी व‍िमानों में तकनीकी दिक्‍कतें आ रही थीं और इसी वजह से इसे पाकिस्‍तान के एयर डिफेंस सिस्‍टम में शामिल नहीं किया जा सका।

ZDK-03 कराकोरम को लेकर रहस्‍यमय बात यह रही कि इन व‍िमानों को 5 महीने पहले ही चीन भेजा गया था और दावा किया गया था कि उन्‍हें मिड लाइफ अपग्रेड करने के लिए भेजा गया है। वहीं जब ये व‍िमान वापस आए तो उनमें न तो मुख्‍य रेडॉर था और न ही अन्‍य सेंसर थे। इसके बाद इन चीनी व‍िमानों के भव‍िष्‍य को लेकर सवाल उठने लगे थे। अब इन व‍िमानों को जबरन रिटायर करने के बाद पाकिस्‍तान के पास स्‍वीडन की कंपनी साब का बनाया हुआ 2000 इरिए अवाक्‍स व‍िमान है।

चीन का जेएफ 17 व‍िमान भी निकला है कबाड़

स्‍वीडन का यह अवाक्‍स विमान पाकिस्‍तानी वायुसेना में काफी प्रभावी और व‍िश्‍वसनीय माना जा रहा है। हालांकि इनकी संख्‍या काफी कम है जिससे पाकिस्‍तानी वायुसेना के निगरानी इलाके में काफी कमी आ सकती है। इससे पाकिस्‍तान को अफगान सीमा पर भी निगरानी में काफी समस्‍या आ सकती है जहां से अभी खतरा ज्‍यादा बना हुआ है। इससे पहले चीन ने पाकिस्‍तान को कई हथियार और सबमरीन दिए हैं जो बेकार निकल रहे हैं। चीन की तकनीक पर पाकिस्‍तान में बनाए हुए जेएफ-17 फाइटर जेट को म्‍यांमार कबाड़ बता चुका है। यही वजह है कि पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख हथियारों के लिए अब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की शरण में फिर से पहुंच गए हैं।

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