विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ओल्ड क्लब के जैसा बताया है। उन्होंने कहा- UNSC में शामिल कुछ सदस्य (राष्ट्र) अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि नए सदस्य आने पर उनकी ग्रिप कमजोर हो जाएगी। एस जयशंकर ने यह बातें 17 दिसंबर (रविवार) को बेंगलुरु में आयोजित एक निजी संस्था के कार्यक्रम में कहीं।
एस जयशंकर ने कहा- UNSC का प्रभाव हो रहा कम
जयशंकर ने कहा कि क्लब के मेंबर नहीं चाहते कि उनके कामों पर कोई सवाल खड़ा करे। वे नहीं चाहते कि मेम्बर्स की संख्या में बढ़ोतरी हो। बिना किसी सुधार के चलते संयुक्त राष्ट्र का प्रभाव कम होता जा रहा है।
एक तरह से यह मानवीय विफलता है। मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है। क्योंकि दुनिया के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र कम प्रभावी होता जा रहा है।
जयशंकर ने कहा- आप दुनिया के 200 देशों से पूछें कि क्या आप सुधार चाहते हैं। तो बड़ी संख्या में देश हां कहेंगे। मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए UNSC में सुधार लाने की जरूरत है।
सितंबर में भी जयशंकर ने किया था UNSC की व्यवस्था पर सवाल
इसी साल सितंबर महीने में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि UNSC की व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ तो लोग बाहर समाधान ढूंढना शुरू कर देंगे।
वहीं, दिल्ली में आयोजित G20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने समापन संबोधन के दौरान कहा था कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, उस समय की दुनिया आज से बिल्कुल अलग थी। तब UN में 51 संस्थापक सदस्य थे। आज संयुक्त राष्ट्र में शामिल देशों की संख्या 200 है। इसके बावजूद इसमें स्थायी सदस्य पहले वाले ही हैं। UNSC अब भी वैसा ही है।
UNSC क्या है?
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद देशों के बीच शांति, सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के मकसद से यूनाइटेड नेशंस की स्थापना हुई। यूनाइटेड नेशंस के 6 प्रमुख अंग है जिनमें से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी एक है। इसका मुख्य काम दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।
सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को हुई थी। गठन के समय सुरक्षा परिषद में 11 सदस्य थे। 1965 में ये संख्या बढ़ाकर 15 कर दी गई।
सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं। स्थायी सदस्यों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन शामिल हैं। स्थायी सदस्यों में से यदि कोई भी देश किसी फैसले से असहमत होता है तो वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर उसे पास होने से रोक सकता है।
इन 5 स्थायी देशों के अलावा 10 अस्थायी देशों को भी 2 साल के लिए सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है। इनका चयन क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई देशों और दो पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों को दी जाती हैं।
UN के छह प्रमुख अंग हैं…
संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद यानी ESC
संयुक्त राष्ट्र सचिवालय यानी UN Secretariat
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट यानी ICJ
संयुक्त राष्ट्र न्यास परिषद यानी UNTC
अमेरिका और कनाडा के आरोप एक जैसे मुद्दे नहीं: एस जयशंकर
भारत पर अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की हत्या की साजिश रचने के आरोपों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने रविवार को न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा- जरूरी नहीं कि दोनों मुद्दे एक जैसे हों।
भारत एक जिम्मेदार देश है। अमेरिका के अधिकारियों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं। अमेरिका और कनाडा ही नहीं किसी भी देश को कोई भी परेशानी है, वो भारत को इनपुट दे। हम उस पर जरूर विचार करेंगे।
दरअसल, अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। हालांकि यह नहीं बताया गया कि हमला किस दिन होने वाला था।