मुंबई हमले के आतंकी साजिद मीर को जहर दिया:पाकिस्तान में वेंटिलेटर पर रखा गया; 26/11 अटैक के बाद प्लास्टिक सर्जरी करवाई थी

पाकिस्तान के डेरा गाजी खान जेल में 26/11 मुंबई हमले की प्लानिंग में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के वॉन्टेड आतंकी साजिद मीर को जहर दे दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साजिद फिलहाल वेंटिलेटर पर है। मीर को टेरर फंडिंग के आरोपों में 8 साल की जेल और 4.2 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।

लश्कर कमांडर को पिछले साल अप्रैल में गुपचुप तरह से हिरासत में लिया गया था। उसे जून 2022 में की बैठक से ठीक पहले जेल की सजा सुनाई गई थी। FATF एक इंटरगवर्नमेंटल संगठन है जो टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच करता है। साजिद मीर अमेरिका में भी एक वॉन्टेंड आतंकी है। FBI ने उसके ऊपर 41.69 करोड़ रुपए का ईनाम रखा है।

मुंबई हमलों के दौरान आतंकियों से सीधे संपर्क में था साजिद
FBI के मुताबिक, मीर ने मुंबई हमलों के बाद प्लास्टिक सर्जरी करवाकर अपना चहरा बदलवा लिया था। एक समय में वो लश्कर-ए-तैयबा के लिए लोगों को भर्ती करने के साथ ही अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी का मुख्य संचालक था।

अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के दस्तावेजों के मुताबिक, 26/11 हमला करने वाले आतंकी अटैक के वक्त मीर और उसके साथी अबु कहाफा और मजहर इकबाल से सीधा संपर्क में थे। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि साजिद मीर को जहर दिए जाने की खबर झूठी भी हो सकती है।

ये लश्कर कमांडर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के विदेशी दबाव से बचने के लिए पाकिस्तान के सैन्य-खुफिया तंत्र की एक चाल भी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में इंटेलिजेंस के अधिकारियों का मानना है कि साजिद मीर की मौत का नाटक अमेरिका में उसके प्रत्यर्पण को रोकने की साजिश हो सकती है।

साजिद की सलाह पर ही दाऊद गिलानी ने नाम बदलकर डेविड रखा
मीर की सलाह पर ही हेडली ने लश्कर की तरफ से अपनी आतंकी गतिविधियों को आसान बनाने के लिए अपना नाम दाऊद गिलानी से बदलकर डेविड कोलमैन हेडली कर लिया था। इसके जरिए वह भारत में खुद को एक अमेरिकी के रूप में पेश करना चाहता था, जो न तो मुस्लिम होगा और न ही पाकिस्तानी।

मीर ने हेडली को अपनी गतिविधियों के लिए मुंबई में एक आइमिग्रेशन ऑफिस खोलने की सलाह दी थी। उसने इसके लिए उसे 25 हजार डॉलर भी दिए थे। FBI के मुताबिक आतंकी साजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा के लिए 2001 से एक्टिव था।

उसने लश्कर के साथ मिलकर कई आतंकी हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया। 21 अप्रैल 2011 को मीर पर यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने चार्ज लगाए थे। उस पर विदेशी सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने, आतंकवादियों को मदद देने, अमेरिका के बाहर एक नागरिक की हत्या करने और सार्वजनिक स्थानों पर बमबारी का आरोप लगाया गया था।

चीन ने ग्लोबल आतंकी घोषित करने से रोका
मीर के खिलाफ अमेरिका ने 22 अप्रैल 2011 को अरेस्ट वारंट जारी किया था। अक्टूबर 2022 में मुंबई में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत ने दुनिया के सामने मुंबई में हुए 26/11 हमले में पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर का ऑडियो प्ले किया था। ऑडियो क्लिप में आतंकी साजिद मीर फोन पर चबाड़ हाउस में मौजूद आतंकियों को निर्देश देते सुनाई दे रहा है।

इससे पहले जून में साजिद मीर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया है। अमेरिका ने UNSC की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया था। भारत इसका सह प्रस्तावक था। चीन ने पिछले साल सितंबर में भी साजिद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगाई थी। इस बार उसने प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया है।

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