ना विधायकों की लामबंदी, ना बगावती तेवर… कैसे शिवराज ने अपनी बात मनवाने के लिए नए तरीके की रणनीति अपनाई

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. पार्टी ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम चर्चा में है. बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी श्रेय दिया जा रहा है. हालांकि, अंतिम फैसला बीजेपी हाईकमान को लेना है. नए सीएम की रेस में शिवराज का नाम सबसे आगे है. कहा जा रहा है कि शिवराज ने अपनी बात मनवाने के लिए नए तरीके की रणनीति अपनाई है.

मध्य प्रदेश में नए सीएम की रेस में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का नाम शामिल है. वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूरे चुनाव अभियान के दौरान ताबड़तोड़ रैलियां और रोड किए. लोगों के बीच पहुंचे और अपनी सॉफ्ट छवि का फायदा उठाया. अब जब सीएम पद के लिए नेताओं को दौड़ लगाते और हाईकमान से संपर्क करने की खबरें आ रही हैं, तब शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह ब्रेफ्रिक-से देखे जा रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने महिलाओं के साथ बैठकर खाना खाया. उनसे बातचीत की.

हाईकमान के पाले में छोड़ी गेंद’

चुनावी जीत के बाद शिवराज से जब पूछा गया तो उन्होंने इसका पूरा क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन-कार्यकर्ताओं को दिया. इतना ही नहीं, सीएम को लेकर भी स्पष्ट किया और कहा, बीजेपी में यह हाईकमान तय करता है. हम लोग सिर्फ एक ही लक्ष्य के लिए काम करते हैं और वो है- चुनाव में पार्टी को जीत दिलाना. शिवराज का कहना है कि मैं ना पहले सीएम पद का दावेदार था, ना अब हूं. पार्टी जो कहेगी, वो करूंगा.  शिवराज ने बुधनी सीट से यह चुनाव 104974 वोटों से जीता है.

परिवार के साथ वक्त बिता रहे शिवराज

शिवराज अपनी इस बात को जमीन पर अमल भी करते देखे जा रहे हैं. उन्होंने जीत के दो दिन बाद भी किसी विधायक से मुलाकात नहीं की. ना कोई लामबंदी किए जाने की खबरें आ रही हैं. इसके इतर, सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने परिवार के साथ वक्त बिताते देखे गए. भोपाल में वे पत्नी साधना सिंह चौहान और दोनों बेटे कार्तिकेय और कुणाल के साथ एक रेस्टोरेंट में डिनर करने पहुंचे. शिवराज ने वहां मौजूद लोगों से भी मुलाकात की. शिवराज ने एक्स पर लिखा, जीवन में भागदौड़ बहुत है, लेकिन जब भी वक्त मिले तो परिवार के साथ कुछ लम्हों को, यादों को जरूर सहेजें. ये वो अनमोल मोती हैं, जो जीवन को उजाले से भर देते हैं.

शिवराज की दावेदारी स्वाभाविक’

जानकार कहते हैं कि मध्य प्रदेश के चुनावी रिजल्ट में शिवराज सिंह की मेहनत और प्रभाव की झलक साफ दिखाई दे रही है. बीजेपी ने 2003 के बाद प्रचंड जीत हासिल की है. सत्ता में रहकर 230 में से 163 सीटें पाना चौंकाना वाला माना जा रहा है. राज्य में 18 साल से सरकार है. एंटी इन्कम्बेंसी की चर्चाएं हवाएं साबित हुईं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह की दावेदारी स्वाभाविक है और मजबूत भी मानी जा रही है. अगर यह संभव हुआ तो शिवराज सिंह पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे और एक नया रिकॉर्ड बनाएंगे.

विधायक दल की बैठक की तारीख तय नहीं!

बताते चलें कि तीन राज्यों में जीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच नए सीएम को लेकर मंथन चल रहा है. हालांकि, अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. सूत्र कहते हैं कि अंतिम निर्णय लेने से पहले पार्टी के भीतर विचार-विमर्श चल रहा है. केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगा. इसी बैठक में विधायक दल के नेताओं का चुनाव किया जाएगा. अब तक मुख्यमंत्री पद के संभावित चयन पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से कोई बयान नहीं आया है. 

बीजेपी की जीत के बाद क्या बोले शिवराज

शिवराज ने X पर पोस्ट में लिखा, इस अभूतपूर्व स्नेह, विश्वास और आशीर्वाद के लिए मेरे पूरे परिवार मध्यप्रदेश की जनता का हृदय से आभार. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जनहितकारी नीतियों और विकास कार्यों के लिए जनता ने अप्रतिम विजय का यह आशीर्वाद दिया है.  लाड़ली बहनों का प्रेम मिला, मेरे भांजे-भांजियों, युवाओं का जोश हमारे साथ था. किसानों, गरीबों और प्रदेश के हर वर्ग ने खुशहाल मध्यप्रदेश के लिए लोकतंत्र के इस पावन पर्व में हिस्सा लिया. डबल इंजन की सरकार मध्यप्रदेश को विकास के इस पथ पर अग्रसर रखेगी, आपने जो विश्वास हम पर जताया है; हम उसे टूटने नहीं देंगे. अमित शाह जी की अचूक रणनीति, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी का मार्गदर्शन और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जी के अथक परिश्रम ने विजय की इस पटकथा को पूर्ण किया. शिवप्रकाश जी, हितानंद शर्मा जी के साथ हमारे साथी कार्यकर्ता और पूरी टीम जुटी रही. साथ ही चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव जी, अश्विनी वैष्णव जी ने जो मार्गदर्शन दिया, उससे चुनाव अभियान को सही गति और दिशा मिली और जनता के साथ ने इतिहास रच दिया.

इससे पहले सीएम शिवराज ने आजतक से बातचीत में कहा, हमें पता था कि बहुमत से जीतेंगे. मध्य प्रदेश परिवार है. सबका स्नेह मिला. हमने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मुस्लिम बहनों ने भी हमें वोट दिया है. जनता ने स्नेह से रिश्ता बनाया है. मध्य प्रदेश की जनता मेरी भगवान है. जनता का अभूतपूर्व विकास हुआ है. पीएम के नेतृत्व पर जनता को भरोसा है. मध्य प्रदेश में कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं थी. मध्य प्रदेश में सत्ता समर्थक लहर है. जनता ने भरपूर प्यार लुटाया है. मैं दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं. सभी कार्यकर्ता भाइयों-बहनों की मेहनत को भी प्रणाम. जनता को विश्वास दिलाता हूं कि मध्य प्रदेश प्रगति और विकास के पथ पर चलेगा.

मंगलवार को सीएम शिवराज चौहान ने एक्स पर पोस्ट लिखा. उन्होंने कहा, सोशल मीडिया के मेरे मित्रों, पूरे कैंपेन के दौरान आपका जो प्यार, सहयोग और स्नेह मिला, वो अद्भुत व अभूतपूर्व था. आपके प्यार और सहयोग के जरिये आज भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है. आपका यह प्रेम और स्नेह बना रहे… मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपकी अपेक्षाओं पर हम खरा उतरेंगे और प्रदेश व प्रदेशवासियों की सेवा करते रहेंगे. सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद.

विजयवर्गीय बोले- पीएम मोदी के चेहरे पर जीते…

मध्य प्रदेश में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी चुनाव जीते हैं. माना जा रहा है कि विजयवर्गीय भी सीएम की रेस में चल रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वो बीजेपी की जीत का श्रेय लाड़ली बहना योजना को देंगे तो विजयवर्गीय इस सवाल पर भड़क गए. उन्होंने कहा, कुछ दरबारी टाइप पत्रकार ये कोशिश कर रहे हैं कि इस तरह का नैरेटिव चलाया जाए कि बीजेपी की जीत लाड़ली बहना योजना की वजह से हुई है. ये आप लोगों को समझना होगा कि जीत के लिए कोई एक फैक्टर काम नहीं करता है. आप ही बताएं कि क्या लाड़ली बहना योजना छत्तीसगढ़ में थी, क्या ये योजना राजस्थान में थी. तब भी बीजेपी वहां चुनाव जीती है. वहां पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा था. पीएम मोदी की गारंटी और उन पर जनता का भरोसा. पीएम मोदी के नेतृत्व और अमित शाह की रणनीति की वजह से बीजेपी ने तीनों राज्यों में बंपर जीत दर्ज की है.

अन्य दावेदार क्या कहते हैं…

कैलाश विजयवर्गीय के अलावा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे राज्य के अन्य स्थानीय नेता सीएम पद की रेस में हैं. प्रहलाद पटेल से यह पूछे जाने पर कि वो मध्य प्रदेश के नतीजों को कैसे देखते हैं? उन्होंने कहा, यह सब मोदी नाम के जादू के कारण है. उन्होंने जीत के लिए अमित शाह की चुनावी रणनीति को भी श्रेय दिया. मोदी की गारंटी है गरीब कल्याण के काम को पूरा करना. नकारात्मक राजनीति और एजेंडा चलाने वालों को चुनौती देता हूं. वो मुझसे चर्चा करें. सिंधिया ने कहा, बीजेपी में हम सभी कार्यकर्ता हैं. चुनाव में पूरी ताकत के साथ काम करते हैं. सीएम का फैसला हाईकमान करता है.

 

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