जीआरएमसी की जूनियर डॉक्टर की मौत, परिजन बोले- 3 फीट पर नहीं लग सकती फांसी, हत्या की

गजराराजा मेडिकल कॉलेज (जीआरएमसी) के न्यूरोलॉजी विभाग से डीएम कर रही जूनियर डॉक्टर रेखा रघुवंशी की यमुना गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार की रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका के परिजन का आरोप है कि हमारी बेटी फांसी नहीं लगा सकती है। 3 फीट के जंगले से कोई फांसी कैसे लगा सकता है। पुलिस या वार्डन के पास न तो कोई फोटो है जिसमें वह फांसी पर लटकी हुई हो। उसकी हत्या की है। इसलिए उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

अशोक नगर के ग्राम मढ़ना खिरिया निवासी भानू सिंह रघुवंशी की 31 वर्षीय बेटी डॉ.रेखा ने जनवरी 2024 में जीआरएमसी में प्रवेश लिया था। वह हॉस्टल के कमरा नंबर 218 में रहती थी। कंपू थाने के इंचार्ज रुद्र पाठक ने बताया कि शनिवार रात को सूचना पर डॉ. रेखा की संदिग्ध परिस्थितियों में कमरे में मौत हो गई थी। उसके मोबाइल कब्जे में लेकर कमरे को सील कर दिया। मौके से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। रविवार की सुबह डॉ.रेखा के पिता भानू सिंह सहित अन्य रिश्तेदार पहुंचे।
आत्महत्या की थ्योरी पर पुलिस-परिजन को इन 6 कारण पर यकीन नहीं
डॉ.रेखा को कमरे के जंगले से फांसी लगाना बताया जा रहा है। इसकी ऊंचाई पलंग से करीब 3 फीट है, जबकि डॉ.रेखा की हाइट 5.5 फीट है। ऐसे में जब वह फांसी लगाती तो उसके पैर आसानी से पलंग पर रख जाते।
हत्या की थ्योरी पर परिजन और पुलिस इसलिए भी यकीन हो रहा है क्योंकि डॉ.रेखा के जंगले से सुसाइड के समय का कोई भी फोटो और वीडियो नहीं मिला है। चश्मदीदों का कहना है कि उसकी लाश पलंग पर पड़ी थी।
डॉ.रेखा गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। इसमें पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित है, लेकिन जिस समय उसकी मौत हुई उस समय कमरे में डीएम कार्डियोलॉजी कर रहे जूनियर डॉक्टर था। जिससे लड़की शादी करना चाहती थी, लेकिन वह तैयार नहीं था।
हॉस्टल के कमरा नंबर 218 में डॉ.रेखा की मौत हुई उसके गेट बाहर से खुले थे। वहीं उसके बगल के कमरे में रहने वाली डॉ.नंदिता भी मौजूद नहीं थी।
डॉ. रेखा के परिजन उस कमरे को देखना चाहते थे, लेकिन जीआरएमसी प्रबंधन ने उन्हें जाने नहीं दिया। उनका कहना था पुरुषों की एंट्री बंद है, ऐसे में मौत के समय जूनियर डॉक्टर कैसे मौजूद था।
डीएम कार्डियोलॉजी के जूनियर डॉक्टर ने पहली बार डॉ.रेखा को फांसी के फंदे पर टंगा देखा फिर किसके कहने पर पुलिस को सूचना दिए बिना उसके शव को उतारा।

रात 9 बजे तक ड्यूटी पर नहीं आई तब पता चला

डॉ. रेखा काम को लेकर गंभीर थी। शनिवार को डॉ.निदिता की रात 8 बजे ड्यूटी थी। इसके बाद डॉ.रेखा की ड्यूटी थी। जब वह रात 9 बजे ड्यूटी पर नहीं आई तब डॉ. नंदिता ने उसका फोन लगाया जो बंद था। जब वह हॉस्टल गई तो फांसी का पता चला। विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश उदैनिया का कहना है कि दोपहर में विभाग के प्रोग्राम में डॉ.रेखा मिली थी, वह खुश थी। वह फांसी नहीं लगा सकती।
जांच कमेटी बनाई
{किसान की बेटी डॉ. रेखा की हो चुकी थी सगाई डॉ. रेखा के पिता भानू सिंह किसान हैं। मां गृहिणी,भाई प्राइवेट जॉॅब में है। बेटी का शव देख पिता रोने लगे, उनका कहना था कि वह डॉक्टर बन पिता का सपना साकार करना चाहती थी। उसकी हाल में सगाई डॉक्टर एमडी मेडिसिन से हो हुई थी।
-जैसा कि परिजनों ने आरोप लगाए और पुलिस की शुरूआती जांच में पाया गया

गुना जिले में शोक में डूबे परिजन

GRMC प्रबंधन ने डॉ. रेखा रघुवंशी के परिजनों को सूचना दी और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घटना से डॉ. रेखा रघुवंशी के परिजन शोकाकुल हैं.

ग्वालियर रघुवंशी समाज ने निष्पक्ष जांच करने की मांग की

ग्वालियर रघुवंशी समाज के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह रघुवंशी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है एवं साथ ही उच्च स्तरीय
जांच की मांग की

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