पिंजरे से निकलते ही मुड़कर गुर्राई बाघिन:माधव टाइगर रिजर्व में सीएम मोहन यादव और सिंधिया ने रिलीज किया; अब यहां 6 टाइगर

शिवपुरी:शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क अब मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बन गया है। सोमवार को सीएम डॉ मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी शुरुआत करते हुए लोगो का अनावरण किया। इस दौरान यहां पन्ना से लाई गई बाघिन को रिलीज किया गया।

टाइगर रिजर्व पहुंचे सिंधिया ने खुद सेलिंग क्लब से सात किलोमीटर दूर वॉच टॉवर तक सफारी गाड़ी ड्राइवर की, जिसमें सीएम मोहन यादव भी बैठे रहे। इसी जगह से 3 साल की बाघिन को जंगल में छोड़ा गया।
इसके साथ ही 13 किलोमीटर लंबी सुरक्षा दीवार का लोकार्पण भी किया गया। टाइगर रिजर्व शिवपुरी शहर के नजदीक है, लिहाजा ये दीवार नागरिकों के लिए सुरक्षा कवच की तरह होगी।

माधव टाइगर रिजर्व में अब 6 बाघ हुए


माधव नेशनल पार्क को पहले ही टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल चुका है। यहां दो मादा और एक नर बाघ पहले से मौजूद हैं, जिनमें से एक मादा ने दो शावकों को जन्म दिया है। अब एक मादा बाघ को आज (10 मार्च) छोड़ा गया है, जबकि दूसरे नर बाघ को हफ्ते भर में छोड़े जाने के बाद यहां कुल सात बाघ हो जाएंगे।

हम हमेशा जानवरों की रक्षा में आगे रहेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा-
“भारत वन्यजीवों की विविधता और उनकी सुरक्षा की परंपरा से समृद्ध है। हम हमेशा जानवरों की रक्षा और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में आगे रहेंगे।”

10 मार्च 2023 को छोड़े गए थे 3

टाइगर बता दें 27 साल पहले माधव नेशनल पार्क में कई टाइगर थे, लेकिन वो धीरे-धीरे विलुप्त हो गए। 10 मार्च 2023 को यहां पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीन टाइगर छोड़े थे। इसके बाद पीएम मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को सिंधिया ने दो शावकों के जन्म लेने की फोटो जारी कर खुशी जाहिर की थी।

2 साल बाद मिला टाइगर रिजर्व का

दर्जा सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि पिछले दो सालों से माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रयास किए जा रहे थे। इसके लिए शहर को सुरक्षित करने के लिए 13 किलोमीटर लंबी दीवार भी बनाई गई हैं। पहले नेशनल पार्क की कुल सीमा 375 वर्ग किमी थी, लेकिन अब ये बढ़कर 1 हजार 650 वर्ग किमी की हो गई हैं।
वहीं कूनो नेशनल पार्क की सीमा का विस्तार किया गया। पहले कूनो नेशनल पार्क सीमा 1 हजार 235 वर्ग किमी की थी अब उसे बढ़ा कर 1 हजार 777 वर्ग किलोमीटर की कर दी गई हैं।

श्योपुर से रणथंभौर तक बढ़ा विचरण

क्षेत्र सीसीएफ ने कहा कि माधव नेशनल पार्क और कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्र जंगल के जरिए मिलता है। इस तरह टाइगर और चीतों का इलाका 3 हजार 451 किमी का होगा। इधर, श्योपुर से राजस्थान के रणथंभोर की सीमा लगी है। ऐसे में शेर, चीतों के विचरण का इलाका अब शिवपुरी, श्योपुर से राजस्थान तक बढ़ जाएगा। जिसमें जंगली जानवर आसानी से विचरण कर सकेंगे।

1958 में मिला था नेशनल पार्क का

दर्जा शिवपुरी शहर के पास स्थित इस टाइगर रिजर्व को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। यह मुगल सम्राटों और महाराजाओं का शिकारगाह था। जंगल में नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा और हिरण जैसे चीतल, सांभर और बार्किंग हिरण जैसे मृग रहते हैं। तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर जैसे जानवर भी देखे जाते हैं।

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