BJP के बागियों की घर वापसी, लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हो सकते हैं 5,000 नेता, बनाया खास प्लान

भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के पहले पिछले दिनों पार्टी से निकाले गए बागियों की वापसी कर रही है . पार्टी ने मन बनाया है नगर निकाय चुनाव के दौरान निकाले गए बागियों को वापस पार्टी में लाया जाएगा , इनकी संख्या तकरीबन 5000 हैं.

भारतीय जनता पार्टी  लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी तरीके की कोई चूक नहीं चाहती है और इसीलिए भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने बागी और नाराज कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से वापसी करने के मूड में है. नगर निकाय चुनाव के दौरान जिन प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिला वह बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ लिए और इनकी संख्या  तकरीबन 5000 है. ये ऐसे कार्यकर्ता है जो नगर निकाय चुनाव के दौरान बागी हुए थे और भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें उस दौरान 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन अब प्रदेश संगठन ने तय किया है कि इन सभी की वापसी कराई जाए.  पहले चरण में आज अवध क्षेत्र के बागियों को लखनऊ में वापस पार्टी में लिया जाएगा.

अवध क्षेत्र के बागी वापस लिए जाएंगे
प्रदेश नेतृत्व के मन मुताबिक आज से भारतीय जनता पार्टी अपने बागियों को वापस लेने की शुरुआत करेगी. आज पहले चरण में अवध क्षेत्र के बागी वापस लिए जाएंगे. लखनऊ प्रदेश मुख्यालय पर तकरीबन 30-35 से  बागियों को आज बुलाया गया है जिन्होंने नगर निकाय चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इन लोगों में पूर्व कार्यवाहक महापौर सुरेश अवस्थी पूर्व पार्षद दिलीप श्रीवास्तव समेत कई पूर्व पार्षद, बोर्ड अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष शामिल है. इन लोगों की जॉइनिंग उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और अवध क्षेत्र के अध्यक्ष कमलेश मिश्रा की मौजूदगी में होगी . जानकारी के मुताबिक पहले चरण में तकरीबन ढाई सौ के करीब बागी भारतीय जनता पार्टी में वापस आएंगे. इनमें 14 पूर्व पार्षद, तीन पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सहित कुछ पूर्व मंडल और वार्ड अध्यक्ष शामिल है.

प्रदेश मुख्यालय पर जॉइनिंग के अलावा हर एक जिले में भी बागियों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी जिला के पदाधिकारियों को दी गई है. आने वाले दिनों में यह बागी भी भारतीय जनता पार्टी में वापसी करेंगे. पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जब इन बाकियों के बारे में पता कराया तो पता चला अधिकतर ऐसे हैं जिन्होंने किसी दूसरे दल का दामन नहीं थामा है और उनके पास अपने वोट बैंक की मजबूती है. लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी नाराजगी भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है और इसीलिए भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि वह इन सभी की घर वापसी करा के अपना लोकसभा चुनाव मजबूती से लड़े.

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