पुतिन से नाता तोड़ो, हमसे न्यूक्लियर फ्यूल खरीदो… रूसी तेल का इंपोर्ट रोककर भारत को ब्लैकमेल कर रहा अमेरिका?

वॉशिंगटन: भारत के साथ रिश्तों को गहरा करने के लिए अमेरिका ने बड़ा फैसला लिया है. अमेरिका ने बुधवार को तीन प्रमुख भारतीय परमाणु संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया. इससे दोनों देशों के बीच सिविल न्यूक्लियर सहयोग में आने वाली महत्वपूर्ण बाधा दूर हो गई. लेकिन इसकी टाइमिंग बहुत खास है। क्योंकि इसी बीच अमेरिका ने रूस के तेल पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा. सवाल उठता है कि क्या ऐसा करके भारत पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है, क्योंकि भारत अभी तक रूस से बड़े पैमाने पर न्यूक्लियर ईंधन खरीदता है. प्रतिबंध हटना इस बात का सीधा संकेत है कि अमेरिका चाहता है कि भारत उससे भी ऐसी डील करे. यूएस ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी की ओर से घोषित इस निर्णय को इंडिया-यूएस सिविल न्यूक्लियर डील को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है.

जिन संस्थाओं से प्रतिबंध हटाए गए हैं उनमें भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR), और इंडियन रेयर अर्थ्स (IRE) शामिल हैं. जो बाइडन का कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले यह फैसला हुआ है. पिछले साल भारत और रूस के बीच लंबे समय के लिए यूरेनियम सप्लाई से जुड़ी बातचीत चल रही थी. वर्तमान में भारत अपने न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, फ्रांस और कनाडा से यूरेनियम खरीदता है.

अमेरिका का नए प्रतिबंध से होगा असर

अमेरिका चाहता है कि भारत के साथ न्यूक्लियर के क्षेत्र में भी सहयोग हो, जिस कारण यह प्रतिबंध हटाए हैं. लेकिन साथ ही ऐसे प्रतिबंध लगाए हैं जो अब रूस से आ रहे भारत के कच्चे तेल की सप्लाई को प्रभावित कर सकते हैं. पिछले सप्ताह अमेरिका ने रूस के तेल व्यापार पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए रूस के कथित ‘शेडो फ्लीट’ के 183 टैकरों पर प्रतिबंध लगाया. इन टैंकरों के जरिए ही भारत और चीन को रूस अपने तेल की सप्लाई करता है. प्रतिबंधों के जरिए रूसी तेल कंपनियों गजप्रोम नेफ्ट और सर्गुटनेफ्टेगास, बीमा कंपनियों और देश के तेल क्षेत्र और व्यापार में शामिल अन्य संस्थाओं को भी निशाना बनाया.

प्रतिबंधों पर क्या बोला रूस

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से यह रूस के तेल शिपिंग क्षेत्र के खिलाफ सबसे बड़ा प्रतिबंध है. युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस से भारत कच्चा तेल खरीदता रहा है. इस प्रतिबंध का सीधा प्रभाव भारत पर पड़ेगा. रूस का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंध वैश्विक बाजारों को अस्थिर कर सकते हैं और पूरी दुनिया में तेल की कीमतों को बढ़ा सकते हैं, मॉस्को उनके प्रभाव को कम करने के लिए हर संभव कोशिश करेगा.

2469000 29 total views , 45 1 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *