ग्वालियर। ग्वालियर के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया को ही शातिर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया। अंजान नंबर से पहले वाइस कॉल आया, इसके बाद वॉट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए डॉ. दोनेरिया के ही घर में उन्हें एक तरह से बंधक बना लिया।
एक कमरे में बैठाकर आधार कार्ड से लेकर अन्य दस्तावेजों की जानकारी, परिवार के बारे में सबकुछ पूछते रहे। साढ़े तीन घंटे तक एक कमरे में डिजिटल अरेस्ट कर रखा। बार-बार जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने की धमकी यह कहकर देते रहे…उनका मोबाइल नंबर मनी लांड्रिंग केस, सेक्सुअल चैट व पोर्नोग्राफी में ट्रैस हुआ है।
वीडियो कॉल काटकर परिचित आईपीएस को लगाया फोन
फिर सबसे पहले 50 हजार रुपए की मांग की, अचानक डॉ. दोनेरिया को लगा कि वह पहले एक बार अपने परिचित सीनियर आईपीएस राकेश सगर से बात कर उन्हें पूरी जानकारी दे दें। जैसे ही वीडियो कॉल काट कर आईपीएस राकेश सगर को फोन किया तो उन्होंने तत्काल नंबर ब्लाक कर बताया कि यह ठगों का फोन है। जिला मलेरिया अधिकारी बाल-बाल बच गए।
उन साढ़े तीन घंटों में क्या-क्या डॉ. दोनेरिया के साथ हुआ, क्या धमकियां दी गई, कैसे उन्हें एक तरह से ठगों ने सम्मोहित कर जाल में फंसाया पढ़िए डा.दोनेरिया की ही जुबानी। जिससे आप भी जागरुक हो सकें, ऐसे शातिर ठगों के मायाजाल से बच सकें…
‘मैं सुबह ड्यूटी के लिए निकल गया था। लंच के लिए घर आ रहा था। गुरुवार दोपहर ठीक 1.22 बजे का समय रहा होगा। मैं अपनी गाड़ी में ही था। अचानक मेरे पास 8707261198 नंबर से काल आया। मैं जिला मलेरिया अधिकारी हूं, इसलिए अलग-अलग क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अभियान, कार्यालयीन कार्य के लिए आम लोगों से लेकर विभाग के अधिकारी, कर्मचारी फोन करते हैं। मैंने फोन उठा लिया, यह वाइस कॉल था।’
‘मैंने जैसे ही फोन उठाया तो सामने वाला व्यक्ति बोला कि वह ट्राई यानि टेलीकाम रेगुलेटरी अथोरिटी आफ इंडिया की शाखा से बोल रहा है। सिम दो घंटे में बंद हो जाएगी, क्योंकि मेरा नंबर संदिग्ध लेनदेन में चिह्नित हुआ है। मैंने बोला कि ऐसा तो कुछ नहीं किया। फिर उसने कहा कि मुझसे मुंबई पुलिस के अधिकारी बात करेंगे।’
‘फिर दूसरे नंबर से मेरे पास वीडियो काल आया, जिसमें एक इंस्पेक्टर था, पीछे महाराष्ट्र पुलिस का बोर्ड लगा था। वह मुझसे बोला कि मेरा नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में है। मैंने कहा कि मैं तो कभी मुंबई गया नहीं, न ही ऐसा कोई लेनदेन किया। उसने मुझे बैंक स्टेटमेंट भेजे, एक कैनरा बैंक का एटीएम कार्ड भेजा, जिस पर मेरा नाम लिखा था। मैं घबरा गया।’
फिर मैंने कहा कि ऐसा कोई लेनदेन कभी नहीं किया तो बोला कि 50 हजार रुपए एक खाते में डाले, जिसकी जांच ईडी करेगी। अगर बैंक खाते से कोई लेनदेन नरेश गोयल से नहीं हुआ होगा तो पैसा वापस मिलेगा, अगर कनेक्शन निकला तो जेल भेज दिया जाएगा। मैंने उससे कहा कि मुझे घबराहट हो रही है तो बोला कि पानी पी लो, लेकिन कमरे से बाहर मत जाओ।’
‘खिड़की बंद करो, दरवाजा लगाओ। मुझे बाथरूम तक नहीं जाने दिया, बोला साथ मोबाइल लेकर जाओ। शाम पांच बजे तक का वक्त है, अगर नहीं माने तो पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। मुझे अचानक आइपीएस राकेश सगर का नाम याद आया, मैंने वीडियो काल काटकर उन्हें फोन किया। तब उन्होंने बताया कि यह सब झूठ है।’
पुलिस बोली- शिकायत से कुछ नहीं होगा
डॉ. दोनेरिया शिकायत लेकर थाटीपुर थाने पहुंचे तो यहां पुलिसकर्मियों ने कहा कि यह लोग हजारों किलोमीटर दूर बैठकर अपराध करते हैं। शिकायत से कुछ नहीं होगा।