ईरान में 636-651 ईस्वी में इस्लाम पहुंचा। कुछ पारसी लोग जिन्होंने मुस्लिम बनना स्वीकार नहीं किया वह भारत आ गए। मूल रूप से वह दक्षिणी गुजरात में बस गए। पारसी लोगों ने भाषा और कपड़ों को अपना लिया। एक शरणार्थी बनने की जगह पारसी लोगों ने भारत के विकास में अपना योगदान दिया।
पारसी कैसे आए भारत
भारत में औद्योगित क्रांति में पारसी समुदाय का बड़ा योगदान रहा है। मूल रूप से पारसी आज के ईरान के रहने वाले हैं। सातवीं शताब्दी में इस्लाम के आने से पहले तक ईरान में यह प्रमुख धर्म था। कुछ लोगों ने इस्लाम अपनाने की जगह देश छोड़ने का फैसला किया और गुजरात आ पहुंचे। आइए जानें पारसी समुदाय के ऐसे 10 लोगों के बारे में जिन्होंने भारत पर स्थायी प्रभाव डाला
अर्देशिर गोदरेज
अर्देशिर गोदरेज और उनके भाई पिरोजशाह बुर्जोरजी ने गोदरेज ब्रदर्स कंपनी की सह-स्थापना की थी। जिसे बाद में गोदरेज ग्रुप के नाम से जाना गया।
होमी जहांगीर भाभा
भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग के पहले अध्यक्ष होमी जहांगीर भाभा थे।
जमशेदजी टाटा
जमशेदजी टाटा उद्योगपति थे। उन्होंने टाटा ग्रुप की कंपनियों की स्थापना की।
रतन टाटा
रतन टाटा का बुधवार को निधन हो गया। वह टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनियों के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। 28 दिसंबर 1937 को उनका जन्म हुआ था। अपने व्यक्तित्व और परोपकार के लिए उन्हें आज पूरा भारत याद कर रहा है।
अरुणा ईरानी
अरुणा ईरानी का जन्म 18 मई 1946 को हुआ था। वह एक भारतीय अभिनेत्री और निर्देशक हैं। टेलीविजन से लेकर उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में काम किया है।
दादाभाई नौरोजी
दादाभाई नौरोजी अर्थशास्त्री और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं। भारत के लिए सार्वजनिक रूप से स्वतंत्रता की मांग करने वाले पहले व्यक्ति थे।
फिरोजशाह मेहता
फिरोजशाह मेहता वकील और राजनेता थे। वह इंडियन नेशनल कांग्रेस के सह-संस्थापक और अध्यक्ष रहे हैं।
फिरोज गांधी
फिरोज गांधी एक भारतीय राजनेता और पत्रकार थे। कांग्रेस सदस्य होने के साथ वह सांसद भी बने। स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने महात्मा गांधी जैसे नेताओं के साथ मिलकर काम किया। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के वह पति थे।
जेआरडी टाटा
जेआरडी टाटा का पूरा नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई है। वह उद्योगपति रहे हैं। भारत की सबसे पहली कॉमर्शियल एयरलाइन उन्होंने शुरू की थी।
डॉ. साइरस पूनावाल
साइरस पूनावाल भारतीय अरबपति और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज दुनिया में सीरम इंस्टीट्यूट ही बनाती है।