जबलपुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि शासकीय कर्मी को किए गए अतिरिक्त भुगतान की राशि की रिकवरी सेवानिवृत्ति के बाद करना अनुचित है। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने इस मत के साथ रिकवरी का आदेश निरस्त कर दिया।
वसूली गई राशि 6 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश
कोर्ट ने अनावेदकों को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता को छह प्रतिशत ब्याज के साथ वसूली की राशि लौटाएं। याचिकाकर्ता भोपाल निवासी सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर रामनारायण शर्मा की ओर से अधिवक्ता सचिन पांडे ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता के विरुद्ध चार लाख 95 हजार रुपये की रिकवरी निकाली गई और वसूली भी कर ली गई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के कई न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किए।
इन मामलों में यह दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि विभाग द्वारा किए गए अतिरिक्त भुगतान की वसूली सेवानिवृत्ति के बाद नहीं की जा सकती। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने रिकवरी आदेश निरस्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के तहत याचिकाकर्ता को राशि का भुगतान करने कहा।
अपहरण कर पहले दुष्कर्म फिर बेचने वाले आरोपी को 20 साल की सजा
एक अन्य मामले में नाबालिग का अपहरण कर पहले दुष्कर्म फिर बेचने वाले आरोपी को सीधी विशेष सत्र न्यायाधीश न्यायालय ने 20 वर्ष की सजा सुनाई है। शासन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी भारती शर्मा ने की है।
भारती शर्मा ने बताया कि 25 दिसंबर 21 को पीड़िता की मां ने बहरी थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी नाबालिग बेटी को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर कर घर से ले गया। विवेचना के दौरान पीड़िता को ढूंढकर स्वजन को सौंप दिया।
इसके बाद नाबालिग ने बताया कि पड़ोस में रहने वाली महिला के साथ काम करने बैढ़न चली गई थी, वहां कुछ दिन काम करने बाद महिला और नसीर नाम का ठेकेदार उसे बिहारीगंज ले गया। जहां बसंत चमार को 70 हजार में बेच दिया है। जिसके बाद वह करीब तीन महीने तक जबरदस्ती दुष्कर्म करता रहा।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी भारती शर्मा द्वारा अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। जिसके परिणामस्वरूप विशेष न्यायाधीश, पाक्सो एक्ट सीधी की न्यायालय के द्वारा आरोपित महिला (25) को 10 साल की सजा, छह हजार रुपये का जुर्माना व आरोपित बसंत चमार (34) पुत्र पृथ्वी चमार, निवासी ग्राम थापुल, थाना बिहारीगढ़, जिला सहारनपुर, (उ.प्र.) को धारा 120बी भादवि एवं 5(ठ)/6 पाक्सो एक्ट के अपराध में कुल 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 32,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।