भारत अपने विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है. बता दें कि दिल्ली एयरपोर्ट पर आने वाले समय में भारत की पहली एयर ट्रेन चलेगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर के किन-किन देशों में एयर ट्रेन की सुविधा मौजूद है. आज हम आपको बताएंगे कि किन देशों में लोग एयर ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं.
एयर ट्रेन
बता दें कि राजधानी दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सबसे व्यस्त और बड़े एयरपोर्ट में से एक है. दिल्ली एयरपोर्ट से हर दिन हजारों यात्री उड़ान भरते हैं. इनमें बड़ी संख्या में वे इंटरनेशनल पैसेंजर भी होते हैं, जिनकी कनेक्टिंग फ्लाइट होती है या फिर वे एयरपोर्ट के टर्मिनल एक पर पहुंच कर फिर टर्मिनल दो या तीन पर जाने के लिए सड़क मार्ग का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आने वाले समय में एयर ट्रेन के माध्यम से यात्री एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक बहुत आसानी से जा सकते हैं.
एयर ट्रेन का रूट
एयर ट्रेन की शुरुआत होने के बाद से ही हवाई यात्री बिना जाम में फंसे कुछ ही मिनट में टी3 एवं टी2 तक पहुंच सकते हैं. इस एयर ट्रेन के रूट की कुल लंबाई 7.7 किलोमीटर होगी और यह महज चार स्टॉप टर्मिनल 1, टी2/3, एयरोसिटी और कार्गो सिटी पर रुकेगी. जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को साल 2027 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए डायल ने टेंडर भी जारी कर दिया है और संभावना है कि आगामी अक्टूबर-नवंबर तक टेंडर के लिए बिडिंग प्रोसेस भी शुरू हो जाएगी. इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 2,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
इन देशों में एयर ट्रेन
भारत में आने वाले सालों में सबसे पहली एयर ट्रेन दिल्ली एयरपोर्ट पर चलेगी. बता दें कि दुनियाभर के कई देशों में अभी भी एयरट्रेन चलती हैं. जिसमें चीन,न्यूयॉर्क, जापान समेत कई देशों का नाम शामिल है.
कैसे चलती है एयर ट्रेन
एयर ट्रेन को ऑटोमेटेड पीपल मूवर भी कहा जाता है. एक स्वचालित ट्रेन प्रणाली है, जो हवाई अड्डों पर विभिन्न टर्मिनलों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ने के लिए उपयोग की जाती है. जानकारी के मुताबिक भारत में शुरू होने वाली एयर ट्रेन या तो पिलर और स्लैब के सहारे हवा में चलने वाली मोनो रेल होगी या फिर जमीन पर चलने वाली ‘ऑटोमैटिक पीपुल मूवर एयर ट्रेन हो सकती है.