दतिया में राजगढ़ किले के नीचे के हिस्से वाली 4 सौ साल पुरानी दीवार ढहने से 7 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक ही परिवार के 5 सदस्य शामिल हैं। बाकी दो लोग परिवार के मुखिया की बहन और बहनोई हैं।
मलबे में 9 लोग दबे थे। पड़ोसियों ने 2 को सुरक्षित निकाल लिया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह करीब साढ़े 3 बजे तेज आवाज आई। लोग बाहर निकले तो देखा कि किले की दीवार गिर गई है। मलबे में दबे दो लोगों को तत्काल बाहर निकालकर हॉस्पिटल भेजा गया। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। जिस पर करीब साढे़ 5 बजे कलेक्टर संदीप मकीन, एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंचे।
हादसे के करीब 9 घंटे और करीब 7 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में मलबे से 7 शव निकाले गए। कलेक्टर संदीप मकीन ने घटना पर दुख जताते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
रेस्क्यू में लापरवाही के आरोप
लोगों ने रेस्क्यू की गति धीमी होने का आरोप लगाकर सुबह करीब 8 बजे हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि मलबा हटाने में लापरवाही बरती जा रही है। पुलिस ने उन्हें शांत करवाया।
हादसे में इनकी गई जान
हादसे में निरंजन वंशकार, उनकी पत्नी ममता, बेटी राधा, दो बेटे सूरज और शिवम समेत निरंजन की बहन प्रभा और बहनोई किशन पिता पन्ना लाल की मौत हो गई। किशन ग्वालियर का रहने वाला था और करीब 15 साल पहले ससुराल में ही बस गया था।
दो घायल अस्पताल में भर्ती
हादसे में निरंजन के दूसरे बहनोई मुन्ना पिता खित्ते वंशकार और उनका बेटा आकाश घायल हुए हैं। दोनों के सिर और पैरों में चोट है। उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना पर दुख जताया है।
एक साथ 7 शवों का अंतिम संस्कार
दतिया में दीवार गिरने से जिन 7 लोगों की मौत हुई, उन सभी का अंतिम संस्कार एक साथ हुआ। पोस्टमार्टम के बाद सभी 7 शवों को ग्वालियर रोड पर स्थित सखी बाबा मुक्ति धाम में लाया गया। जहां लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इस दौरान कलेक्टर और एसपी भी मौजूद रहे। पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।