मणिपुर के भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया है। जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में शांति बहाली के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। बीजेपी विधायक का कहना है कि यह फैसला किया जाना चाहिए और सुरक्षा की सारी ज़िम्मेदारी अब राज्य के सुरक्षा कर्मियों को दी जानी चाहिए। राजकुमार इमो सिंह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं। उन्होंने गृहमंत्री को लिखा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी से शांति बहाल नहीं हो पा रही है।
अमित शाह को लिखे गए पत्र में और क्या है?
भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने लिखा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी से शांति नहीं आ रही है, इसलिए बेहतर है कि ऐसे बलों को हटा दिया जाए जो ज्यादातर वक़्त मूकदर्शक के तौर पर मौजूद रहते हैं। उन्होंने कहा कि असम राइफल्स की कुछ यूनिट्स को हटाया गया है और वे इससे खुश है। BJP विधायक का कहना है कि ऐसी यूनिट्स राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा, अगर केंद्रीय बलों की मौजूदगी हिंसा को नहीं रोक सकती है, तो उन्हें हटाना और राज्य बलों को कमान संभालने और शांति लाने देना बेहतर है।”
उन्होंने हिंसा को रोकने में मौजूदा व्यवस्था को अप्रभावी बताते हुए तर्क दिया कि इस समय राज्य सरकार को पूरी तरह शांति बहाल करने का जिम्मा दिया जाना चाहि। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को एकीकृत कमान को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार को सौंपना चाहिए और राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार काम करने की अनुमति देनी चाहिए।”
6 महीने में शांति बहाल करने का वादा
गुरुवार को पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने केंद्र की मदद से छह महीने में राज्य में पूरी तरह शांति बहाल करने का वादा किया और पद छोड़ने से भी इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने न तो कोई अपराध किया है और न ही कोई घोटाला किया है।