डॉक्टर इश्तियाक ने फौजी ट्रेनिंग के लिए बुलाया था उस्ताद, स्लीपर सेल से सरगना बनने की पूरी कहानी

दिल्ली पुलिस के एटीएस के हत्थे चढ़े रांची के रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर इश्तियाक अहमद समेत अन्य संदिग्धों से पूछताछ में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेन्ट (एक्यूआईएस) मॉड्यूल के सरगना डॉ. इश्तियाक ने अपने करीबी के जरिये अस्करी ट्रेनिंग (फौजी ट्रेनिंग) के लिए विशेषज्ञ बुलाया था। विशेषज्ञ को ट्रेनिंग लेने वाले संदिग्ध उस्ताद नाम से पुकारते थे। इश्तियाक से पूछताछ के बाद पुलिस उस्ताद की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इधर, एटीएस ने इन संदिग्धों के पास से बरामद मोबाइल और लैपटॉप को खंगालना शुरू कर दिया है। इनकी फॉरेंसिक जांच भी करायी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, एक्यूआईएस मॉड्यूल में इश्तियाक पहले स्लीपर सेल था। लेकिन उस वक्त के सरगना के पकड़े जाने के बाद वह इस ग्रुप का प्रमुख बन गया।

जंगलों के बीच उस्ताद ने बनाया था ट्रेनिंग कैंप

दरअसल, छापेमारी में उस्ताद एक अन्य संदिग्ध के साथ भाग निकला था। उसने राजस्थान के भिवाड़ी के घने जंगलों के बीच ट्रेनिंग कैंप बना रखा था। भिवाड़ी में ट्रेनिंग के लिए 16 अगस्त को दो कमरे किराए पर लिए गए थे। जांच में हुए खुलासे के मुताबिक दो युवकों ने कमरा लेने के लिए मकान मालिक से संपर्क किया था। एक ने अपना नाम सलमान खान बताया था। उसने कहा था कि फेमिली लेकर आएंगे और रहेंगे। इसके लिए एडवांस रकम भी दी थी। यह भी पता चला है कि दोनों रात को ही कमरे पर आते थे।

पहले कटकी तैयार कर रहा था मॉड्यूल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और ओडिशा पुलिस ने मदरसा संचालक कटकी को 16 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि वह अल कायदा के इंडियन सब कॉन्टिनेन्ट (एक्यूआईएस) के लिए भर्ती इकाई चलाता है। उस पर जमशेदपुर समेत झारखंड के कई अन्य इलाके के युवकों को अपने मॉड्यूल में जोड़ने का आरोप था। वह सीमापार से मिलने वाले निर्देश पर मॉड्यूल तैयार कर रहा था।

स्लीपर सेल से इश्तियाक बना चीफ

इस मॉड्यूल के दो संदिग्ध दिल्ली पुलिस ने यमुनापार इलाके से दबोचे थे। इसके बाद कुछ को झारखंड से पकड़ा था। एजेंसियों ने सोचा था कि एक्यूआईएस मॉड्यूल खत्म हो चुका है, लेकिन उन दिनों संगठन के लिए नए स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाला इश्तियाक इस ग्रुप का प्रमुख बन गया था और इसे बढ़ाने में जुटा था।

एक्यूआईएस मॉड्यूल खड़ा करने की फिराक में थे

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि 2015 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े एक्यूआईएस के आतंकी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी द्वारा उस वक्त शुरू की गई भर्ती के दौरान डॉ. इश्तियाक ग्रुप से जुड़ा था। हालांकि, उस वक्त वह कटकी मॉड्यूल से जुड़कर काम नहीं कर रहा था, बल्कि मानसिक रूप से जुड़ने लगा था। इस बीच कटकी समेत मॉड्यूल के कई आतंकियों को दबोच लिया गया। तभी से कटकी के संपर्क में आने वाले संदिग्ध इस कोशिश में थे कि एक्यूआईएस मॉड्यूल को फिर से खड़ा किया जाए। इसके बाद इश्तियाक अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इस मॉड्यूल को खड़ा करने में जुट गया था।

फॉरेंसिक टीम डिजिटिल डिवाइस को खंगाल रही

एटीएस ने इन संदिग्धों के पास से बरामद मोबाइल और लैपटॉप को खंगालना शुरू कर दिया है। इनकी फोरेंसिक जांच भी करायी जा रही है। इससे कई राज सामने आने की उम्मीद है। एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि बरामद डिजिटल उपकरणो की फोरेंसिक जांच करायी जा रही है। वही रांची में डॉक्टर इश्तियाक के द्वारा चान्हो में ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने की भी जांच की जा रही है।

डॉक्टर का आका कौन

अगर ऐसी कोई बात सामने आएगी तो उन स्थानों पर भी सर्च किया जाएगा। एटीएस के अनुसार डॉ इश्तियाक का आका कौन है वह भारतीय है या विदेशी इसकी जांच भी की जा रही है। एटीएस की टीम डॉ इश्तियाक से संपर्क रखने वाले लोगों की भी जानकारी जुटा रही है। जांच के क्रम में कई चीजें सामने आयी है। जिसका भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है।

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