पाकिस्तानी सेना की बढ़ेंगी मुश्किलें, पुतिन ने वापस मांगे अपने हेलीकॉप्टर के इंजन, अब क्या करेंगे मुनीर?

इस्लामाबाद: रूस ने पाकिस्तान से अपने Mi-35M हेलीकॉप्टर के इंजन वापस करने को कहा है। रूस ने ये मांग ऐसे समय की है, जब वह यूक्रेन के साथ एक लंबे युद्ध में उलझा हुआ है। जिससे उसके सामने सैन्य संसाधनों की आवश्यकता पूरा करने की चुनौती है। ऐसे में मॉस्को ने यूक्रेनी संघर्ष में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए गए Mi-35M हेलीकॉप्टरों के इंजनों की वापसी के लिए पाकिस्तान से संपर्क किया है। खराब आर्थिक हालत और राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए रूस की ये मांग मुश्किल बढ़ सकती हैं। ऐसे में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की मांग पर क्या करेंगे, ये देखने वाली बात होगी।

लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने पाकिस्तान से हेलीकॉप्टर के जो इंजन वापस करने को कहा है, वह Mi-35M हेलीकॉप्टर के जरूरी हिस्से हैं। इनका रूस यूक्रेन में बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है। ये संघर्ष अभी लंबा चलने का अनुमान है। ऐसे में रूस ऐहतियाती तौर इन हेलीकॉप्टरों के इंजन मांग रहा है। हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस ने इस तरह की कोई मांग नहीं की है।

कई देशों से की है रूस ने इसी तरह की मांग

द वॉल स्ट्रीट की एक रिपोर्ट कहती है कि रूस के पाकिस्तान से अपने हेलीकॉप्टर इंजन वापस मांगने से साफ है कि उसको सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बाहर से मदद की आवश्यकता है। वह पहले से ही उपयोग किए जा चुके उपकरणों के साथ अपने सशस्त्र बलों को सपोर्ट करना चाहता है। रिपोर्ट कहती है कि रूस ने यूक्रेन जंग का हवाला देकर पाकिस्तान के अलावा मिस्र, बेलारूस समेत कई और देशों से भी इस तरह का अनुरोध किया है।

21 महीने से चल रहा है रूस-यूक्रेन युद्ध

रूस ने बीते साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था। फरवरी 2022 से अब तक इस युद्ध को 21 महीने का समय हो गया है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से रूस का यह सबसे बड़ा युद्ध साबित हो रहा है। हालांकि रूस इसे कोई जंग ना कहकर एक सैन्य ऑपरेशन कह रहा है लेकिन इसका प्रभाव पूरे क्षेत्र पर पड़ रहा है। बड़ी तादाद में यूक्रेन के लोगों को देश छोड़ना पड़ा है। वहीं उर्जा संकट और खाने पीने के सामानों की कीमतों पर भी इसका असर हुआ है। इस युद्ध में इस दौरान कई मोड़ आए हैं और अभी भी इसके लंबा खिंचने की बात कही जा रही है। ऐसे में रूस अपने सैन्य संसाधनों को जुटाने में लगा है।

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