वायनाड भूस्खलन में 17 परिवार पूरी तरह से तबाह, नहीं बचा एक भी सदस्य, किराए पर रह रहे लोगों की मदद के लिए आगे आई केरल सरकार

वायनाड आपदा में अभी तक 179 शवों की पहचान हो गई है. इस आपदा में 17 परिवार पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. इन परिवारों का एक भी सदस्य जिंदा नहीं बचा है. इन परिवारों के 65 लोगों की मौत हो गई है. इस बात की जानकारी मंगलवार (20 अगस्त) को केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने दी. 

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बताया कि 729 परिवार राहत शिविरों में थे. इनमें से 219 परिवार शिविरों में रह रहे हैं. जबकि बाकि के परिवार किराए के घरों में या अपने पारिवारिक घरों में वापस लौट गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि जो परिवार किराए के मकानों में रह रहे हैं, सरकार उन्हें सहायता प्रदान करेगी. 

आवास उपलब्ध कराने को लेकर चल रहे हैं प्रयास

CM पिनरई विजयन ने कहा, ‘प्रभावित परिवारों को आवास उपलब्ध कराने को लेकर कोशिश जारी है. 75 सरकारी भवनों की मरम्मत पूरी हो गई है. ये भवन अब रहने के लिए तैयार हैं.  सरकार द्वारा चिन्हित किए गए 177 घर किराए पर उपलब्ध हैं, इसमें से 123 रहने के लिए उपयुक्त हैं. इनमें से 105 घरों को आवंटित कर दिया गया है. इस दौरान उन्होंने बताया कि 59 मृतकों के आश्रितों को 6-6 लाख रुपये वितरित किए गए हैं.

शवों की पहचान करना बना चुनौती

वायनाड में हुए भयानक भूस्खलन के बाद शवों की पहचान करना बड़ी चुनौती बन गया है. मृतकों के शव इतने ज्यादा सड़ गए हैं कि उनसे साफ़ DNA सैंपल निकालना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में केरल सरकार नेक्स्ट-जनरेशन डीएनए सीक्वेंसिंग टेक्नोलॉजी (NGS) का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है. 

इसको लेकर राजस्व मंत्री के राजन ने कहा, ‘इस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर हमने विशेषज्ञों से बातचीत शुरू कर दी है. हम शवों की पहचान के लिए हर संभव तकनीक का इस्तेमाल करना चाहते हैं. हम विशेषज्ञों से यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इस तकनीक से सड़े हुए शवों की पहचान हो सकती है. 

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