मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी से बगावत करने वाले कई दावेदारों ने बड़े नेताओं की बात मानकर वापसी राह अख्तियार कर ली है. जिसके बाद पार्टी की ओर से उन्हें पुरस्कृत करने का सिलसिला शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पिछले कुछ दिनों में पार्टी के कई बड़े पदों पर इन नेताओं को नियुक्ति पत्र दिया है. वर्तमान में मध्य प्रदेश में सत्तारुढ़ बीजेपी ने भी चुनाव के बाद ऐसे नेताओं को पुरस्कार देने का कमिटमेंट किया है.
इस बार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में बड़ी संख्या में विधानसभा टिकट के दावेदार सामने आए थे. प्रदेश के सभी 230 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आलाकमान ने ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है, जिनके जीतने की उम्मीद ज्यादा है. उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के बाद दोनों ही दलों के नेताओं ने पार्टी से बगावत शुरू कर दी. मध्य प्रदेश में कई कद्दावर नेताओं ने पार्टी के खिलाफ नामांकन भी भर दिए. कांग्रेस की ओर से कमलनाथ और रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ-साथ दिग्विजय सिंह मोर्चा संभालते हुए बागियों को नाम वापसी के लिए प्रोत्साहित किया.
नाम वापस लेने पर बागियों को इनाम
कमलनाथ, रणदीप सुरजेवाल, दिग्विजय सिंह सहित पार्टी के बड़े नेताओं के बातों असर भी जब कई सीटों पर बागियों ने अपने नाम वापस ले लिए. अब नाम वापस लेने वाले नेताओं को पार्टी की ओर से जिम्मेदारी दी जा रही है. उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा सीट से नामांकन भरने वाले कांग्रेस नेता विजय सिंह गौतम को नाम वापसी के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महामंत्री बनाया गया है. इसी प्रकार और भी कई नेताओं की नियुक्तियां लगातार हो रही हैं.
पारस जैन को मिला दिल्ली का न्योता
उज्जैन उत्तर सीट से इस बार भी टिकट मांग रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक पारस जैन का टिकट पार्टी ने काट दिया, जिसके बाद उन्होंने बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया था. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद पारस जैन से मुलाकात की. पूर्व मंत्री पारस जैन के मुताबिक विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली का न्योता दिया है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि उनके मान सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा. स्थिति स्पष्ट है कि बीजेपी के बागी नेताओं को भी पार्टी सत्ता मिलने के बाद निगम-मंडल सहित अन्य पदों पर एडजस्ट करने वाली है.