S-400 ‘सुदर्शन’ ने दिखाया दम, ‘दुश्मन’ का सफाया होता देख एयरफोर्स का जोश हुआ हाई

नई दिल्ली : सुदर्शन एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने हाल ही में एक अभ्यास में बड़ी सफलता हासिल की। यहां इसने ‘दुश्मन’ लड़ाकू विमान पैकेज के 80 प्रतिशत को ‘मार गिराया’, जबकि अन्य को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। इससे उनके मिशन रद्द हो गए। रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि यह अभ्यास भारतीय वायु सेना ने एक थिएटर में किया था। यहां फोर्स ने लंबी दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के अपने एक स्क्वाड्रन को तैनात किया था।

हमले को किया नाकाम

रिपोर्ट के अनुसार यह अभ्यास भारतीय वायुसेना की तरफ से एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के पूर्ण एकीकरण को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। अभ्यास के दौरान, असली लड़ाकू विमान एस-400 हथियार प्रणाली की क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए उड़ान भर रहे थे। नकली कार्रवाई में ‘लॉकिंग और लक्ष्यीकरण’ करके, ‘दुश्मन’ के 80 प्रतिशत आक्रामक पैकेज को ‘मार गिराया। शेष बचे विमानों ने अपना मिशन रद्द कर दिया। इनका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में अपने लक्ष्यों पर ‘हमला’ करना था। ऐसे में उन्हें एयर डिफेंस सिस्टम के जरिये रोक दिया गया।

कृष्ण के चक्र का दिया नाम

भारतीय वायु सेना ने अब इस सिस्टम को पूरी तरह से इंटीग्रेट कर लिया है। इसके तीन स्क्वाड्रन पहले ही फोर्स में शामिल किए जा चुके हैं। 2026 में दो और की आपूर्ति होने की उम्मीद है। भारतीय पक्ष ने अनुरोध किया है कि रूस सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाए। रूस की एक हाई लेवल यात्रा के दौरान भारतीय पक्ष ने रूसी पक्ष से सिस्टम देने का भी अनुरोध किया। भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम एक पौराणिक संदर्भ में रखा है। विनाश का प्रतीक, IAF ने S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का नाम ‘सुदर्शन’ रखा था। सुदर्शन भगवान कृष्ण का प्राथमिक हथियार है।

गेमचेंजर साबित होगा S-400

भारत ने 2018-19 में S-400 के 5 स्क्वाड्रन के लिए रूस के साथ 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का समझौता किया था। भारतीय वायु सेना का मानना है कि एस-400 इसके लिए गेम चेंजर साबित होगा। भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुशा के तहत भारतीय लॉन्ग रेंज सरफेस एयर मिसाइल सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है। यह विकास परियोजना को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद हुआ है। एयरफोर्स ने हाल ही में स्वदेशी एमआर-एसएएम और आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ-साथ इजरायली स्पाइडर क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम प्राप्त किया है।

भारतीय वायु सेना ने हाल के वर्षों में अपनी वायु रक्षा क्षमताओं में काफी सुधार किया है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीनी सेना द्वारा बड़े पैमाने पर वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती की गई है। भारत ने भी वहां बड़े पैमाने पर अपनी प्रणालियां तैनात की हैं।

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