जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में एलओसी पार घुसपैठ की कोशिश नाकाम करते हुए सेना ने रविवार (14 जुलाई) को तीन अज्ञात आतंकवादियों को मार गिराया. साथ ही भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना पर कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को कवर फायर देने का आरोप लगाया. इतना ही नहीं, सेना ने ये भी बताया कि एलओसी पार लॉन्च पैड पूरी तरह से चालू हैं और पाकिस्तानी सेना इन शिविरों से काम कर रहे आतंकवादियों को रसद और सैन्य मदद कर रही है.
सेना की चिनार कोर के कमांडर ब्रिगेडियर एन एल कुलकर्णी ने कहा कि ऑपरेशन धनुष-2 के तहत भारतीय सेना ने न केवल एक बड़ी घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक विफल किया, बल्कि मारे गए आतंकवादियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है. 14 जुलाई को भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों के शुरू किए गए एक संयुक्त अभियान में केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया गया. इस ऑपरेशन में तीन आतंकी मारे गए.
आतंकियों के कब्जे से क्या मिला?
भारतीय सेना के अधिकारी का कहना है कि ये ऑपरेशन खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था. इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने 9 मैगजीन के साथ तीन एके 47 राइफल, 8 मैगजीन के साथ 4 पिस्तौल, 6 हथगोले, सिगरेट और पाकिस्तानी ब्रांड के खाद्य पदार्थ बरामद किए गए हैं. वहीं, सेना ने पिछले 1 महीने के दौरान एलओसी के पास आतंकी गतिविधियों का पता लगाने के बाद ही ऑपरेशन धनुष-2 नाम से चल रहा ऑपरेशन शुरू किया था.
आतंकियों को PAK सेना ने दिया था कवरफायर- ब्रिगेडियर कुलकर्णी
ब्रिगेडियर कुलकर्णी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने भारी हथियारों से भारतीय सेना को निशाना बनाकर घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को भारी कवर फायर दिया, वहीं भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और उनकी नापाक कोशिशों को विफल कर दिया. ब्रिगेडियर ने कहा कि आतंकवादी शांति भंग करने और घाटी में अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के उद्देश्य से घुसपैठ करके अंदरूनी इलाकों में जाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, सेना ने भी नियंत्रण रेखा पर ऐसे किसी भी खतरे से निपटने के लिए कड़ी सतर्कता बनाए हुए है.