भगवान जगन्नाथ ने बचाई डोनाल्ड ट्रंप की जान’, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष का दावा, याद दिलाई 1976 की घटना

कोलकाता: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले को लेकर इस्कॉन मंदिर कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप की जान भगवान जगन्नाथ ने बचाई है। इसके लिए उन्होंने  1976 की रथयात्रा का जिक्र किया। गौरतलब है कि रविवार को ये खबर सामने आई थी कि पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली में ट्रंप के ऊपर फायरिंग हुई थी। इस घटना में ट्रंप के कान में चोट लगी थी। 

क्या है पूरा मामला?

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने ट्रंप के बाल-बाल बचने को दैवीय हस्तक्षेप बताया। राधारमण दास ने एक्स पर लिखा, ‘ठीक 48 साल पहले डोनाल्ड ट्रंप ने जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव को बचाया था। आज, जब दुनिया फिर से जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, ट्रंप पर हमला किया गया, और जगन्नाथ ने उन्हें बचाकर एहसान का बदला चुकाया।’

राधारमण दास ने कहा, ‘जुलाई 1976 में, डोनाल्ड ट्रंप ने रथों के निर्माण के लिए मुफ्त में अपना ट्रेन यार्ड प्रदान करके इस्कॉन भक्तों को रथयात्रा आयोजित करने में मदद की। आज, जब दुनिया 9 दिवसीय जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, उन पर यह भयानक हमला और उनका बाल-बाल बचना, जगन्नाथ के हस्तक्षेप को दर्शाता है।’

राधारमण दास के ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट को इस्कॉन कोलकाता मंदिर के आधिकारिक एक्स हैंडल से भी रीपोस्ट किया गया है। राधारमण दास ने कहा, ‘ब्रह्मांड के भगवान महाप्रभु जगन्नाथ की पहली रथ यात्रा 1976 में संयुक्त राज्य अमेरिका में 30 साल के रियल-एस्टेट मुगल डोनाल्ड ट्रम्प की सहायता से NYC की सड़कों पर शुरू हुई थी। लगभग 48 साल पहले, जब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) न्यूयॉर्क शहर में पहली रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रही थी, तो चुनौतियां बहुत अधिक थीं।’

उन्होंने कहा, ‘फिफ्थ एवेन्यू में परेड परमिट देना किसी चमत्कार से कम नहीं था, एक विशाल खाली जगह ढूंढना जहां रथ बनाए जा सकें, कभी भी आसान नहीं था। उन्होंने हर संभव व्यक्ति का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तभी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कृष्ण भक्तों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे।’

उन्होंने कहा, ‘1976 में इस्कॉन द्वारा अपना 10वां जन्मदिन मनाए जाने के साथ, NYC में भक्त वहां पहली बड़ी रथ यात्रा की योजना बना रहे थे। हमें फिफ्थ एवेन्यू का उपयोग करने की अनुमति थी, जो वास्तव में एक बड़ी बात है। लेकिन हमें विशाल लकड़ी की गाड़ियां बनाने के लिए परेड मार्ग के शुरुआती बिंदु के करीब एक खाली जगह की आवश्यकता थी। हमने जिन सभी से पूछा, उन्होंने ‘नहीं’ कहा। वे बीमा जोखिम आदि के बारे में चिंतित थे, जो समझ में आता है।’

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