वह आदि शक्ति है, कहीं और केदारनाथ बना तो…’, अयोध्या राम मंदिर के प्रमुख पुजारी ने बताया क्या होगा अगर कहीं और बना मंदिर

उत्तराखंड के केदारनाथ की तर्ज पर दिल्ली में बन रहे मंदिर को लेकर अयोध्या राम मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि किसी और नाम से मंदिर बनाया जाना चाहिए क्योंकि केदारनाथ एक ही है और एक ही रहेगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का केदारनाथ मंदिर आदिशक्ति है और भक्तों को जो फल वहां मिलता है वह नहीं मिल पाएगा. 

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अगर उसी नाम से कोई मंदिर बनाया जाता है तो ज्योर्लिंग की शक्तियां उसमें नहीं आएंगी और भक्तों को वह फल भी नहीं मिल पाएगा. पुजारी दास ने कहा, ’12 ज्योतिर्गलिंग हैं, जिनमें से केदारनाथ भी एक हैं. केदारनाथ उत्तराखंड में हैं और वह सर्वशक्तिमान है. 12 ज्योर्तिलिंगों की शक्तियां अपने आप में अद्वितीय और विलक्षण हैं इसीलिए लोग इतना परिश्रम करके उनका दर्शन करने के लिए जाते हैं. किसी और जगह उनका मंदिर उसी नाम से बनता है तो वह 12 ज्योर्तिलिंगों में नहीं आएगा, उनसे भिन्न होगा.

उन्होंने आगे कहा  कि जो शक्तियां ज्योतिर्लिंगों में हैं, जिनकी वजह से लोग परिश्रम करके दर्शन के लिए जाते हैं. वह फल भी दूसरे मंदिर में उन्हें नहीं मिल पाएगा. पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि जैसे कोई अपने घर में मंदिर बना ले तो जितना मंदिर रहेगा उतनी ही तो उसमें शक्ति मिलेंगी. 

उन्होंने आगे कहा, ‘वह आदि शक्ति है. केदारनाथ मंदिर  को लेकर शास्त्रों में वर्णित है कि यह द्वादशलिंगज्योति जो अपने आप में अद्वितीय विलक्षण है. उस नाम से अगर कोई दूसरा मंदिर बनता है तो वह उचित नहीं है क्योंकि हमारे शास्त्रों में वर्णन है कि वह उसके प्रभावों के द्वारा स्थापित है. यह प्रभाव अपने आप में अद्वितीय विलक्षण है इसलिए उसको उसी रूप में रहने दें. अगर कोई दूसरा मंदिर बनाता है तो दूसरे नाम से बनाए और केदारनाथ मंदिर एक है और एक ही रहेगा.’

दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन का काम देख रहे केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला के अजीबोगरीब बयान से यह सारा विवाद शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि जो बुजुर्ग हैं और केदारनाथ धाम नहीं जा पाते हैं वह अब दिल्ली में बाबा के दर्शन कर सकते हैं.  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी के हिरंकी में बन रहे केदारनाथ मंदिर का भूमि-पूजन कर शिलान्यास किया. इस पर जगरद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जिस धाम को जगदगुरु आदिशंकराचार्य ने बनाया उसके जैसा आप कहीं और कैसे बना सकते हैं.

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