मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने बड़ी मुहिम शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के शहर उज्जैन से हुई है. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध कॉलोनी की मॉनिटरिंग करने और कॉलोनाइजर पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. अभी एक सप्ताह तक अवैध कॉलोनी को चिन्हित किया जाएगा.
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि अवैध कॉलोनी की वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है इसके अलावा कई बार भूखंड खरीदने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है कॉलोनी में आवश्यक और मूलभूत सुविधाएं भी नहीं होती है अवैध रूप से कॉलोनी काटना गैरकानूनी है उज्जैन जिले में इसे लेकर अभियान शुरू कर दिया गया है. कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित एसडीएम, नगरीय क्षेत्र में संबंधित निकाय और निगम क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध कार्यवाही करें. अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध कार्यवाही की सतत मॉनिटरिंग की जाएगी.
उज्जैन में अवैध कालोनी काटने वालों पर एफआईआर
धार्मिक नगरी उज्जैन में अवैध रूप से कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ पहले एफआईआर भी दर्ज कर हो चुकी है. उज्जैन में सिंहस्थ के लिए एक बड़ा क्षेत्र आरक्षित है, जिसमें भी कई भूमाफियाओं ने कॉलोनी काट दी थी. इस संबंध में भी उज्जैन नगर निगम के आदेश पर मुकदमा दर्ज हो चुका है. हालांकि अभी भी अवैध कॉलोनी काटे जाने का सिलसिला जारी है. इसी के चलते उज्जैन कलेक्टर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं.
अपर कलेक्टर और एसडीएम भी फील्ड में उतरे
राजस्व प्रकरणों की समीक्षा कर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जिले में अगले 7 दिन सीमांकन सप्ताह चलाएं. सुनिश्चित करें कि सीमांकन के प्रकरणों में तिथि निर्धारित कर उनका सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण किया जाए. सीमांकन के कुल प्रकरणों में 10 प्रतिशत प्रकरणों का संबंधित पीठासीन अधिकारी द्वारा फील्ड पर जाकर समीक्षा की जाए. इस प्रकार 5 प्रतिशत प्रकरणों का संबंधित एसडीएम और 2 प्रतिशत प्रकरणों का अपर कलेक्टर द्वारा अवलोकन किया जाएगा.