नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा के अध्यक्ष के चुनाव तक महताब अध्यक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
किरेन रिजिजू ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु ने लोकसभा के सदस्य र्तृहरि महताब को संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किया है, ताकि वे अध्यक्ष के चुनाव तक अध्यक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 99 के तहत लोकसभा के सदस्यों सुरेश कोडिकुन्निल, थलिक्कोट्टई राजुतेवर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंद्योपाध्याय को अध्यक्ष के चुनाव तक 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की सहायता करने के लिए नियुक्ति की हैं।’
क्या होती हैं प्रोटेम स्पीकर की शक्तियां?
लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आने वाली पार्टी या गठबंधन की पहली प्राथमिकता प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करने की होती है। संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में सबसे अधिक समय गुजारने वाले सदस्य या निर्वाचित सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। संसदीय मामलों के मंत्रालय के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन प्रोटेम स्पीकर का नाम राष्ट्रपति के पास भेजता है। इसके बाद राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करते हैं, जो नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है। नए सांसदों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सरकार दो-तीन नामों की सिफारिश करती है। करीब दो दिनों तक सदस्यों को शपथ दिलाने का काम चलता है और इसके बाद सदस्य अपने लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। अध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं।