सुप्रीम कोर्ट में इस समय वेकेशन बेंच (अवकाश पीठ) मामलों की सुनवाई कर रही है. सोमवार को जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक बार फिर दो टूक कहा कि वेकेशन पीरिएड में कोई सीनियर वकील बहस नहीं करेगा. इसके साथ ही उन्होंने वरिष्ठ वकीलों को अपनी कोर्ट में बहस करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
दरअसल, सोमवार को जब जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा मामलों की सुनवाई कर रही थी. इसी बीच वरिष्ठ वकील बेंच के सामने पेश हुए और बहस की अनुमति मांगने लगे. इस पर जस्टिस नाथ ने स्पष्ट किया कि वो इसकी अनुमति नहीं देंगे.
वेकेशन पीरिएड में सीनियर वकील बहस नहीं करेंगे
जस्टिस नाथ का कहना था कि पिछले साल भी हमने साफ कर दिया था कि वेकेशन पीरिएड के दौरान कोई भी वरिष्ठ वकील बहस नहीं करेंगे. उन्होंने आगे कहा, मेरी अदालत में वरिष्ठ वकीलों को बहस करने की अनुमति नहीं है. पिछले साल मैंने यह स्पष्ट कर दिया था कि वेकेशन के दौरान कोई भी वरिष्ठ वकील बहस नहीं करेगा.
क्या था पूरा मामला…
सोमवार को वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी एक मामले की पैरवी के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. यहां सिंघवी ने अदालत के समक्ष बहस करने की अनुमति मांगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, मैं चाहता हूं कि एक समान नीति हो.
इस पर वेकेशन बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस नाथ ने जवाब दिया और कहा, मैं अपनी अदालत का मुखिया हूं. मैं अन्य कोर्ट को कंट्रोल नहीं कर सकता हूं.
अपने सहयोगियों को बहस करने दीजिए
वहीं, एक अन्य मामले में दोनों पक्षों की ओर से पेश होने के लिए भी कुछ वरिष्ठ वकील पहुंचे. इस दौरान जस्टिस नाथ ने उनसे अपने सहयोगियों (जूनियर) को बहस करने देने के लिए कहा. जस्टिस नाथ ने सीनियर्स वकीलों से कहा, आप दोनों अपनी सीट ले लीजिए. अपने सहयोगी को बहस करने दीजिए.
अपने सीनियर्स को फीस मत देना…
बाद में हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने बहस कर रहे वकीलों से यह भी कहा कि वे सुनवाई के लिए अपने सीनियर्स को भुगतान ना करें. जस्टिस नाथ ने कहा, अपने सीनियर्स को फीस मत देना. ठीक है. यदि आपने दिया है तो इसे वापस ले लें.