दुनिया के सामने दुश्मनी का दम भर रहा कनाडा, फिर भारत में क्यों ‘बहा रहा’ पानी की तरह पैसा

कनाडा एक तरफ नीतियों में बदलाव कर भारत को झटके पर झटके दे रहा है और दूसरी तरफ भारत में बड़े-बड़े निवेश कर रहा है. इस तनावपूर्ण माहौल के बीच कनाडा ने भारत में कई करोड़ों रुपयों का निवेश किया है. कनाडा पेंशन प्लान इनवेस्टमेंट ने देश के दो प्रोजेक्ट के लिए 500 मिलियन से भी ज्यादा की रकम दी है. वहीं, पिछले वित्त वर्ष में दो और प्रोजेक्ट्स में 400 मिलियन से भी ज्यादा के निवेश का वादा किया था.

गुरुवार (23 मई) को सीपीपी ने एक बयान कर इसकी जानकारी दी है. सीपीपी एक प्रोफेशनल इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट ऑर्गेनाइजेशन है, जो कनाडा पेंशन प्लान के 2 करोड़ 20 लाख लाभार्थियों के अकाउंट मैनेज करता है. बयान के अनुसार यह निवेश नेशनल हाईवे इंफ्रा ट्रस्ट (NHIT) और  इंटराइज ट्रस्ट में किए गए हैं.

तनाव के बीच भारत में कई मिलियन डॉलर का इनवेस्टमेंट
गुरुवार को कनाडा पेंशन प्लान इनवेस्टमेंट (CPP Investments) ने बताया कि NHIT के लिए 217.13 मिलियन डॉलर और इंटराइज ट्रस्ट के लिए 394.78 मिलियन डॉलर का भी इनवेस्टमेंट किया है. यह निवेश 2023-24 के लिए किया गया है. NHIT नेशनल हाईवे ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रायोजित है. 

सीपीपी के बयान के अनुसार उसने पिछले वित्त वर्ष में केदारा कैपिटल फंड IV में 100 मिलियन डॉलर और एक अन्य प्रोजेक्ट में 300 मिलियन डॉलर के एक और इनवेस्टमेंट का भी वादा किया है.

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से जस्टिन ट्रूडो ने भारत को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. निज्जर कनाडाई नागरिक था और जस्टिन ट्रूडो का आरोप है कि उसकी हत्या में भारत का हाथ हो सकता है. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. हाल ही में कनाडा ने इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव कर भारतीय छात्रों और नागरिकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रडो ने इमिग्रेशन परमिट में 25 फीसदी की कटौती कर दी है. इस बदलाव के बाद भारतीय छात्रों को जबरन भारत भेजा जा रहा है. सैकड़ों छात्र इस बदलाव के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं.

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