ग्वालियर स्टेशन पुनर्विकास का काम लेट, मार्च 2025 की समय सीमा, फिर भी लेना पड़ेगा एक्सटेंशन

ग्वालियर: ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। टेंडर की शर्तों के अनुसार इस कार्य को दिसंबर 2024 तक पूरा होना था, लेकिन अभी काम 35 फीसद भी नहीं हो सका है। इसके चलते समय सीमा को तीन माह बढ़ाकर अब मार्च 2025 कर दिया गया है, लेकिन फिर भी एक बार और एक्सटेंशन लेने की जरूरत पड़ेगी। काम में तेजी लाने के लिए हैदराबाद की कंपनी केपीसी इंफ्रा को हिदायत दी गई है। उधर स्टेशन पर मौजूद रेलवे कार्यालयों को शिफ्ट करने के लिए प्लेटफार्म क्रमांक एक और चार की तरफ दो बहुतमंजिला इमारतें बनाकर तैयार कर दी हैं, जिनका काम मई के अंत तक पूरा हो जाएगा।

जून माह में कार्यालयों को इन इमारतों में शिफ्ट कर स्टेशन की बिल्डिंग की तोड़फोड़ का काम तेज किया जाएगा। वर्तमान में स्टेशन पर छत की कटिंग का काम चल रहा है। चूंकि इस दौरान ट्रेनों व यात्रियों का आवागमन सुचारू है, इस कारण सुरक्षा से काम करना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। हालांकि इस छत कटिंग का उद्देश्य यह है कि आरसीसी की छत के बजाय यहां स्टील की प्री-फेब्रिकेटेड यानी पहले से बनी हुई बादलनुमा छत तैयार की जाए। इसके लिए पिलर की फाउंडेशन यानी नींव का काम पूरा हो चुका है। वहीं छत के फेब्रिकेशन का काम भी दिल्ली की वर्कशाप में कराया जा रहा है। गौरतलब है कि स्टेशन पुनर्विकास का कार्य दिसंबर 2022 में शुरू कराया गया था। टेंडर की शर्तों के अनुसार इच्छुक कंपनी को 24 महीनों में यह प्रोजेक्ट पूरा करना है, लेकिन काम की धीमी गति के कारण यह समय सीमा अब तीन महीने बढ़ाई गई है। इसके बावजूद भी तय समय में काम पूरा होा संभव नजर नहीं आ रहा है। उत्तर मध्य रेलवे के डिप्टी सीइ आकाश यादव ने बताया कि हमारा पूरा प्रयास है कि मार्च 2025 तक बिल्डिंग का काम पूरा कर लिया जाए।

मार्च तक पूरा होगा सिर्फ बिल्डिंग का काम

वर्तमान में रेलवे के अधिकारियों का प्रयास है कि मार्च 2025 तक प्राथमिक तौर पर स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण पूरा हो जाए। इसके बाद धीरे-धीरे बाकी काम होते रहेंगे, लेकिन यह भी मुश्किल है। इसका कारण है कि स्टेशन पर ज्यादातर निर्माण प्री-फेब्रिकेटेड होना है, लेकिन इसमें तकनीकी परीक्षण ज्यादा जरूरी हैं। उदाहरण के तौर पर 21 लिफ्ट और 19 एस्केलेटर लगाए जाने हैं। ये पूरी मशीनरी लगाने के बाद इनका ट्रायल करने में ही काफी समय लगेगा। वहीं सर्कुलेटिंग एरिया में भी सुंदरीकरण से लेकर पार्किंग तक के काम होने हैं। इनमें भी महीनों का समय लग जाएगा।

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