ग्वालियर-मुरैना में टक्कर कांटे की हुई, अगले कुछ घंटे निर्णायक

ग्वालियर। ग्वालियर, भिंड मुरैना की जिन तीन सीटों पर राजनीतिक पंडित चुनाव को एकतरफा मानकर चल रहे थे वहां स्थिति अब आश्चर्यजनक रूप से कांटे की बन गई है। अंदरूनी सर्वे में जब यह बात सामने आई तो भाजपा ने चंबल के रण को जीतने के लिए ‘रसद सप्लाई’ बढ़ा दी। मुख्यमंत्री मोहन यादव, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अंचल में दखल रखने वाले कई भाजपा नेताओं को उतार दिया।

पूर्व कृषि मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर टिकट घोषणा के साथ ही विधानसभा चुनाव की तर्ज पर प्रचार में जुटे हुए हैं क्योंकि तीनों ही प्रत्याशी उनके समर्थक हैं। माहौल अपने पक्ष में करने के लिए तीनों की जगह पर कांग्रेसियों को भाजपा ज्वाइन करवाई गई है जिसमें छह बार के कांग्रेसी विधायक राम निवास रावत और मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी प्रमुख है।

दूसरी तरफ राहुल-प्रियंका के अलावा कोई बड़ा नेता अंचल में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए नहीं जुटा। तीनों ही जगह प्रत्याशी अपना किला लड़ा रहे हैं और अपने से भी लड़ रहे हैं। लेकिन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच चुनाव टक्कर का बना हुआ है।

मुरैना – इस बार भाजपा-कांग्रेस में तू डाल-डाल मैं पात-पात का संघर्ष चल रहा है। यहां का चुनाव पूरी तरह से स्थानीय एवं जातिगत समीकरणों के साधने से ही सधता है। पिछली बार जहां बसपा ने कांग्रेस के वोट तोड़े थे जिससे नरेंद्र सिंह तोमर को जीत हासिल हुई थी इस बार मामला उल्टा है। हाथी से वैश्य नेता आइल कारोबारी रमेशचंद्र गर्ग के उतरने से स्थिति कांग्रेस के लिए फायदेमंद हो गई है।

भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी दोनों ही क्षत्रिय हैं जिससे सामाजिक वोट बंट रहा है। अब सारा जोर ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में करने का है इसलिए सीधी से भाजपा ने विधायक रीती पाठक, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं कांग्रेस से भाजपा में आए सुरेश पचौरी को भेजा है।

सभी ने समाज की छोटी-छोटी बैठकें लीं। पीएम और सीएम की सभाएं-रोड शो पहले ही हो चुके हैं। यहां पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर भाजपा और पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू कांग्रेस से आमने सामने हैं।

ग्वालियर – ग्वालियर भाजपा का एक तरह से गढ़ है लेकिन महापौर चुनाव में पहली बार कांग्रेस जीतने और विधानसभा चुनाव में स्थिति बराबर होने के कारण इस बार ग्वालियर में भाजपा की स्थिति ‘दही में चाकू’ चलने जैसी आसान नहीं है। एंटी इनकंबेंसी के कारण हालिया विधानसभा चुनाव हारे पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह भी अपेक्षाकृत कमजोर प्रत्याशी चयन के रूप में ही देखे जा रहे हैं।

यही कारण है कि यहां भी भाजपा ने पूरा एडी-चोटी का जोर लगा दिया है। अलग-अलग दिनों में सीएम की तीन सभाएं हुईं ,रोड शो हुआ। व्यापारियों की बैठक भी ली। राजेंद्र शुक्ला एवं वीडी शर्मा दो दिन के प्रवास पर रहे। तोमर समर्थक प्रत्याशी होने कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया अधिक सक्रिए दिखाई नहीं दिए। कांग्रेस की ओर से सचिन पायलेट एवं जीतू पटवारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभाएं की जो हमेशा से ही पंजे का मजबूत बेल्ट रहा है। यहां कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक प्रवीण पाठक मैदान में हैं।

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