ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बीजेपी ने केपी यादव को गुना-शिवपुरी से किया ‘आउट’? इन दो लोकसभा सीटों की दी जिम्मेदारी

मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट गुना से बीजेपी ने मौजूदा सांसद केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। लोकसभा का टिकट कटने के बाद केपी यादव को बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा सीट का प्रभारी बना दिया है। यह बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद केपी यादव ने पार्टी को धन्यवाद दिया है। वहीं दूसरी ओर इस बात की चर्चा है कि बीजेपी को गुना में भीतर घात का डर है, इस वजह से केपी यादव को गुना से दूर भेज दिया गया है।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉक्टर केपी यादव ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव हराया था। उस समय सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। कुछ ही महिने बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। सिंधिया के पार्टी ज्वाइन करने के बाद बीजेपी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।

बीजेपी ने केपी यादव को बनाया प्रभारी

इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में सांसद केपी यादव और सिंधिया समर्थकों के बीच लगातार मनमुटाव की खबरें आ रही हैं। वहीं खबर यह भी है कि डॉक्टर केपी यादव टिकट कटने के बाद से नाराज चल रहे हैं। उनके समर्थक ज्योतिरादित्य सिंधिया का अंदरखाने से ही विरोध कर रहे हैं। बीजेपी ने इस भीतरघात से बचने के लिए केपी यादव को गुना-शिवपुरी से ‘आउट’ कर दिया है। उन्हें होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया है। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान कई बार केपी यादव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मंच साझा करते हुए दिखे हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने राव यादवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। यादवेंद्र सिंह अशोक नगर जिले से आते हैं। वह जिला पंचायत सदस्य हैं। उनेक पिता स्वर्गीय देशराज सिंह यादव बीजेपी के विधायक रह चुके हैं।

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