भोपाल। मध्य प्रदेश में अधिक से अधिक लोकसभा सीट जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों दलों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी चुनाव लड़ाया है, जिससे उनकी स्थिति और मजबूत हो सके।
जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं, तो कांग्रेस ने भी दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से चुनाव लड़ाया है। दोनों नेता अपनी-अपनी सीटों पर जी-तोड़ मेहनत भी कर रहे हैं और चुनावी अभियान में जुटे हुए हैं।
यात्रा को बनाया हथियार
राजनीति में यात्रा का बहुत महत्व है, यह बात शिवराज और दिग्विजय, दोनों दिग्गज नेता समझते हैं। इसलिए दोनों अपने क्षेत्र में लगातार यात्रा कर रहे हैं और लोगों से संपर्क साध रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने जहां एक बार फिर से पदयात्रा को अपना हथियार बनाया है, तो शिवराज भी सड़क औऱ रेल मार्ग के सहारे अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं।
विदिशा से पांच बार सांसद
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी यहां से सांसद रह चुकी हैं। खुद शिवराज सिंह चौहान भी मप्र के मुख्यमंत्री बनने से पहले पांच बार विदिशा से सांसद रह चुके हैं। उन्होंने यहां से 1991, 1996, 1999 एवं 2004 में लोकसभा चुनाव जीता है।
दिग्विजय के किले में घेराबंदी
इधर दिग्विजय सिंह राजगढ़ में कांग्रेस की तरफ से ताल ठोंकेंगे। राज्यसभा का कार्यकाल बाकी होने के बावजूद उन्होंने राजगढ़ से चुनाव लड़ने की हामी भरी। वह पैदल घूम-घूमकर लगातार लोगों से मिल रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के रोडमल नागर से है, जो कि पिछले दो चुनाव में यहां से सांसद चुनकर आ चुके हैं। ऐसे में दिग्विजय सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से राजगढ़ का मुकाबला दिलचस्प हो गया है।